
देहरादून। भागीरथपुरम, बंजारावाला निवासी विधवा महिला विजयलक्ष्मी पंवार ने अपने ही दो बिगड़ैल बेटों से जान का खतरा बताते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल से गुहार लगाई। महिला ने बताया कि उसके दोनों पुत्र नशे के आदी हैं और आए दिन मारपीट कर पैसे की मांग करते हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि अब बेटों ने मां को जान से मारने की धमकी तक दे दी है।
महिला की व्यथा सुनते ही जिलाधिकारी ने मामले को गंभीर मानते हुए गुंडा एक्ट 1970 के तहत त्वरित कार्रवाई की। खास बात यह रही कि इस बार न तो थाना और न ही अदालत का चक्कर काटना पड़ा, बल्कि सीधे DM कोर्ट से ही कार्रवाई शुरू हुई।
फास्ट ट्रैक सुनवाई
जिलाधिकारी ने महिला की शिकायत पर उसी दिन गोपनीय जांच करवाई। पड़ोसियों और जनप्रतिनिधियों ने भी पुष्टि की कि दोनों पुत्र शुभम पंवार और __ (नाम) नियमित रूप से अपनी मां के साथ मारपीट करते हैं और नशे में धुत होकर पैसे की मांग करते हैं।
जांच रिपोर्ट के बाद DM ने महज 2 घंटे के भीतर दोनों बेटों के खिलाफ गुंडा एक्ट में कार्यवाही शुरू कर दी। दोनों को नोटिस जारी कर 26 अगस्त की सुबह 10:30 बजे DM कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया गया है। यदि वे अदालत में उपस्थित नहीं होते तो जिला प्रशासन फास्ट ट्रैक सुनवाई कर सीधे जिला बदर की कार्रवाई कर सकता है।
DM का सख्त संदेश
जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि – “जब एक असहाय विधवा मां ही अपने बेटों से सुरक्षा की गुहार लगा रही हो, तो प्रशासन का पहला कर्तव्य उसकी रक्षा करना है। किसी भी कानूनी जटिलता के कारण पीड़ित को न्याय से वंचित नहीं किया जा सकता।”
जिले में यह पहला मामला है जब DM ने सीधे अपने विशेष अधिकार का प्रयोग करते हुए गुंडा रूल्स 1970 के तहत कार्रवाई की है।