
भगवान श्रीरामचंद्र जी के बालरूप की वंदना और मंगलमयी चौपाई के साथ श्री आदर्श रामलीला समिति (रजि०), उत्तरकाशी द्वारा आयोजित ऐतिहासिक रामलीला महोत्सव का शुभारंभ हो गया। यह रामलीला समिति वर्ष 1952 से निरंतर आयोजन कर रही है और इस वर्ष 74वीं तथा पाँचवीं बार गढ़वाली बोली–भाषा में मंचन हो रहा है।
प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी रामलीला मैदान, उत्तरकाशी में शारदीय नवरात्र के पावन अवसर पर 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक प्रतिदिन शाम 7:30 बजे मंचन होगा। समापन 3 अक्टूबर को भगवान श्रीराम की झांकी और पुरस्कार वितरण के साथ होगा।
पहले दिन मंत्रमुग्ध कर गई प्रस्तुतियाँ
प्रथम दिवस मंचन में श्रीराम जन्म, ताड़का–सुबाहु वध और अहिल्या उद्धार की लीलाओं का अद्भुत मंचन किया गया। कलाकारों के अभिनय ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
• राजा दशरथ का अभिनय विजय चौहान,
• ताड़का का किरदार जितेंद्र रतूड़ी,
• बालराम का अभिनय सिद्धार्थ सेमवाल,
• बाल लक्ष्मण किशन महर
ने शानदार प्रस्तुतियां दीं।
गणमान्य अतिथि रहे उपस्थित
रामलीला के शुभारंभ पर केदार मंदिर उत्तरकाशी के महंत श्री राघवानंद दास महाराज, श्री विश्वनाथ मंदिर के महंत श्री जयेंद्र पुरी तथा नगर पालिका सभासद श्रीमती संतोषी राणा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
गढ़वाली चक्रव्यूह बनेगा आकर्षण
इस वर्ष का विशेष आकर्षण 3 अक्टूबर को दोपहर 1 से 4 बजे तक मंचित होने वाला “वीर अभिमन्यु गढ़वाली चक्रव्यूह” नाटक रहेगा, जिसका निर्देशन आचार्य कृष्णानंद नौटियाल करेंगे। यह नाटक केदार घाटी मंडाण ग्रुप गुप्तकाशी की महिला कलाकारों द्वारा पहली बार उत्तरकाशी के रामलीला मंच पर प्रस्तुत किया जाएगा।
समिति की टीम
रामलीला आयोजन में समिति के संरक्षक ब्रह्मानंद नौटियाल, अध्यक्ष गजेंद्र सिंह मटूड़ा, प्रबंधक भूपेश कुड़ियाल, महासचिव विजय प्रकाश भट्ट, कोषाध्यक्ष अरविंद सिंह राणा सहित अनेक पदाधिकारी व स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।