
अल्मोड़ा। नवरात्रि के पहले ही दिन जिला मुख्यालय का आयुर्वेदिक चिकित्सालय बंद पड़ा मिला। पंडित हरगोविंद पंत जिला चिकित्सालय परिसर में स्थित यह राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल मरीजों के लिए पूरी तरह ठप रहा। इलाज के लिए पहुंचे लोग दर-दर भटकते रहे, जबकि अस्पताल का पूरा स्टाफ “कैंप ड्यूटी” के नाम पर रैमजे इंटर कॉलेज भेज दिया गया।
मुख्य जिला अस्पताल परिसर का हिस्सा होने के बावजूद आयुर्वेदिक चिकित्सालय का बंद रहना प्रशासनिक उदासीनता और लापरवाही को उजागर करता है। यह स्थिति साफ दिखाती है कि जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान आम जनता की स्वास्थ्य सुविधाओं पर नहीं है।
सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे ने इस गंभीर मामले को सार्वजनिक किया। उन्होंने अस्पताल के बंद होने का वीडियो साझा करते हुए कहा कि बहुउद्देशीय शिविर के नाम पर जिला अस्पताल को ठप करना सीधे-सीधे मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है।
पाण्डे ने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में ऐसा दोहराया गया तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे। साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से मांग की कि—
- बहुउद्देशीय शिविरों की आड़ में जिला अस्पताल की सेवाएँ बाधित न की जाएँ।
- आयुर्वेदिक चिकित्सालय को हर हाल में खुला रखा जाए ताकि मरीजों को प्राथमिक सुविधा मिलती रहे।
- जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।
उन्होंने कहा कि जनता की सुविधा और जीवन से खिलवाड़ किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।