उत्तराखंडराजनीति

भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ होगा बड़ा आंदोलन

2 अक्टूबर को प्रदेश के सभी वामपंथी संगठन देहरादून में करेंगे अधिवेशन

तीन वामपंथी पार्टियों- भाकपा, माकपा, भाकपा(माले) की संयुक्त बैठक, देहरादून स्थित माकपा के राज्य कार्यालय- कॉम.पूर्णचंद स्मृति भवन में आयोजित की गयी.
वामपंथी नेताओं ने कहा कि उत्तराखंड में भाजपा चुनाव जीतने के अतिरिक्त कोई ऐसा काम नहीं कर रही है, जो जनहित में हो. इसलिए वामपंथी पार्टियां संयुक्त रूप से प्रदेश की जनविरोधी सरकार के खिलाफ अभियान छेड़ेंगी. पूरे प्रदेश में वामपंथी कतारों को गोलबंद करते हुए 02 अक्टूबर को देहरादून में संयुक्त वाम कंवेंशन(जन सम्मेलन) आयोजित किया जाएगा. तीन वामपंथी पार्टियों के राष्ट्रीय महासचिव, इस कंवेंशन में शामिल होंगे. 02 अक्टूबर उत्तराखंड के इतिहास में मुजफ्फरनगर गोलीकांड की तारीख है. उस दिन शहीदों को याद करते हुए वामपंथी पार्टियां राज्य में जनपक्षधरता को मजबूत करने के लिए अभियान छेड़ेंगी.
वाम नेताओं ने कहा कि अपने आठ सालों के शासन की विफलता पर पर्दा डालने के लिए भाजपा और उसके आनुषंगिक संगठन, देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और नफरत को बढ़ावा दे रहे हैं. विदेशी मुल्कों के दबाव में भले ही वह अपने नफरती प्रवक्ताओं को फ्रिंज (हाशिये के तत्व) कह रही हो, लेकिन यह नफरत और सांप्रदायिक विभाजन ही भाजपा की राजनीति का केंद्रीय तत्व है. वाम नेताओं ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा समान नागरिक संहिता का शिगूफ़ा भी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए ही उछाला गया है, अन्यथा संवैधानिक रूप से यह राज्य के अधिकार क्षेत्र के बाहर का विषय है.
वाम नेताओं ने कहा कि कल तक देश और प्रदेश में लोगों को राशन देने को उपलब्धि की तरह प्रचारित करने वाली भाजपा, अब राशन कार्ड वापसी के जरिये आबादी के बड़े हिस्से को खाद्य सुरक्षा के दायरे से बाहर धकेल रही है. राशन के नाम पर वोट हासिल करने के बाद जनता से छल करते हुए, भाजपा ने राशनबंदी शुरू कर दी है. यह सार्वजनिक वितरण प्रणाली के ताबूत में अंतिम कील ठोकने की कोशिश है.
वाम नेताओं ने कहा कि बीते वर्षों में बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं ने उत्तराखंड में भारी तबाही मचाई है. लोहारी गांव तो बिना स्थानीय लोगों के समुचित पुनर्वास किए ही डुबो दिया गया. अब राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने भी कहा है कि उत्तराखंड को जलविद्युत परियोजना का विकल्प तलाशने की जरूरत है. वामपंथी पार्टियां, विकास के विनाशकारी मॉडल की पहले से खिलाफत करती रही हैं. राज्य सरकार को तुरंत ही इस मामले में ऐसे वैकल्पिक उपाय तलाशने चाहिए, जो स्थानीय लोगों के लिए विनाश का सबब न बनें.
वामपंथी नेताओं ने कहा कि उत्तराखंड में चार धाम परियोजना में जिस तरह के हालात पैदा हुए, उसने राज्य सरकार की व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी. रजिस्ट्रेशन जैसी व्यवस्थाएँ जिस बेतरतीबी से चलाई गयी, उससे यात्रियों को परेशानी हो रही है और साथ ही दो साल बाद यात्रा के जरिये अपनी आर्थिकी सुधारने की आस लगाए स्थानीय लोग भी इस अराजकता की कीमत चुका रहे हैं. स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बदहाली के चलते बड़ी संख्या में यात्री और जानवर(खच्चर) भी प्राण गंवा रहे हैं. निरंतर हो रही सड़क दुर्घटनाएँ भी यात्रा को दुखदाई बना रही हैं.
गैरसैण में विधानसभा सत्र को टाल कर भाजपा ने दर्शा दिया है कि एक साल पहले राज्यपाल से गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के झूठे कागज पर भाजपा सरकार ने हस्ताक्षर करवाए थे.
वामपंथी नेताओं ने कहा कि पुष्कर सिंह धामी ने भले ही जी जान लगा कर मुख्यमंत्री के तौर पर अपना रोजगार पक्का कर दिया हो पर प्रदेश के बेरोजगारों के साथ राज्य सरकार निरंतर छल कर रही है. उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से निकालने वाली भर्तियाँ और उनके परिणाम निरंतर विवादों के घेरे में हैं और कुछ परीक्षाओं को यह आयोग स्वयं ही रद्द कर रहा है. पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती में जिलावार कोटा खत्म किया जाना भी स्वीकार्य नहीं हो सकता है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आए दिन कमेटियाँ बना कर सेवानिवृत्त नौकरशाहों और अन्य के लिए कमेटी रोजगार का जरूर इंतजाम कर रहे हैं.
निर्माणाधीन ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेलवे लाइन को बनाने में लगे मजदूरों के अधिकारों का परियोजना निर्माता कंपनियों निरंतर हनन कर रही हैं. परियोजना निर्माता कंपनियां श्रम कानूनों का निरंतर उल्लंघन कर रही हैं. लेकिन सरकार इस मामले में मूकदर्शक बनी हुई है. वाम नेताओं ने कहा कि मजदूरों के अधिकारों का हनन कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
वाम नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव के ससुर समेत आईएएस-आईपीएस के परिजनों तथा एक पूर्व मुख्यमंत्री के रिश्तेदारों का उत्तर प्रदेश में भू माफिया के साथ अनुसूचित जाति के लोगों की जमीनें कब्जाने में नामजद किया जाना,बेहद गंभीर मसला है. प्रदेश सरकार को इन तमाम लोगों के खिलाफ अविलंब कार्यवाही करनी चाहिए.
बैठक में माकपा के राज्य सचिव कॉमरेड राजेन्द्र नेगी, भाकपा(माले) के राज्य सचिव कॉमरेड राजा बहुगुणा, भाकपा के राज्य सचिव कॉमरेड समर भण्डारी व भाकपा(माले) के गढ़वाल सचिव इन्द्रेश मैखुरी उपस्थित थे.

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