उत्तराखंडसामाजिक
IAG उत्तराखण्ड और HAI नई दिल्ली के सहयोग से प्रशासन को सौपी राहत सामाग्री
उत्तरकाशी के धराली गाँव में 05 अगस्त 2025 को आई भीषण प्राकृतिक आपदा ने न केवल ग्रामीणों के जीवन को अस्त-व्यस्त किया, बल्कि उनके हौसले को भी झकझोर दिया। इस दुखद घड़ी में, लोक हितैषी मंच और इसकी सहयोगी संस्थाओं ने I.A.G. उत्तराखंड के मार्गदर्शन और H.A.I. नई दिल्ली के वित्तीय सहयोग से एकजुटता का परिचय देते हुए प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए कदम बढ़ाया। इस नेक प्रयास के तहत, जिला प्रशासन को त्वरित उपयोग की आवश्यक वस्तुएँ जैसे छोटी सोलर लाइट, छाते, बल्ब आदि उपलब्ध कराए गए, ताकि ग्रामीणों को इस संकट की घड़ी में तात्कालिक राहत मिल सके। लोक हितैषी मंच के सलाहकार और पर्वतीय विकास संस्था के संस्थापक एडवोकेट पदम दत्त जोशी ने मंच के अध्यक्ष विज्येश्वर प्रसाद डंगवाल के समन्वय की सराहना करते हुए कहा, "आपदा के समय विवेकशील व्यक्तित्व ही आपसी तालमेल स्थापित कर समाज के हित में कार्य करता है।" उनकी यह बात इस प्रयास की गहराई और संगठनों की एकजुटता को दर्शाती है। मंच के सचिव और तरुण पर्यावरण संगठन के प्रमुख नागेन्द्र दत्त इस मौके पर कहा, "यह समय आपसी सद्भाव और सहयोग का है। हम सभी मिलकर, सामूहिक प्रयासों से प्रभावित लोगों के जीवन को फिर से पटरी पर ला सकते हैं।" उनके शब्दों में सामाज के प्रति अपने दायित्व का बोध सफ दिखता है। मंच के अध्यक्ष और श्री केदार जन विकास समिति के विज्येश्वर प्रसाद/ अनिल डंगवाल ने दृढ़संकल्प जताते हुए कहा, "इस विपदा के समय में हम सभी प्रभावित परिवारों के साथ खड़े हैं। हमारा एकमात्र उद्देश्य है कि हम किसी भी तरह से अपने समाज के लिए उपयोगी बन सकें।" उनकी यह प्रतिबद्धता हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो इस संकट में योगदान देना चाहता है। मंच के संरक्षक और सृष्टि सामाजिक संगठन के दिनेश भट्ट ने इस दुखद स्थिति पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, "यह समय अत्यंत कठिन है। हमारी संवेदनाएँ उन सभी परिवारों के साथ हैं जिन्होंने इस हृदयविदारक आपदा में अपने प्रियजनों या संसाधनों को खोया।" वहीं, सृष्टि संस्था के भूपेश उनियाल ने कहा, "लोक हितैषी मंच के साथ जुड़कर सेवा कार्य करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।" H.A.I. के प्रतिनिधि नरेंद्र जी ने कहा कि I.A.G. उत्तराखंड व LOCAl के साथ स्थानीय संगठनों के इस संयुक्त प्रयास ने एक अनुकरणीय मिसाल कायम की है। सभी कार्यकर्ताओं ने स्वयं सामग्री को पैक कर, अपनी गाड़ियों में लादकर और कंट्रोल रूम तक पहुँचाकर अपने कर्तव्य के प्रति अटूट समर्पण दिखाया। इस कार्य में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सभी साथियों का योगदान इस बात का प्रमाण है कि एकजुटता और संवेदनशीलता से किसी भी संकट का सामना किया जा सकता है।






