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एआई से दुनिया के विकास रूपी मुकुट में जुड़े नए पंख: डॉ. लॉरेंट चेबेसियर

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के बीआईसी और आईआईसी एंड ऐवांसिटी स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी, बिजनेस एंड सोसाइटी की ओर से न्यू एलटी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: द फ्यूचर ऑफ मैनकाइंड एंड करियर मेकिंग इन एआई पर गेस्ट लेक्चर

एवेंसिटी स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी, बिजनेस एंड सोसाइटी, फ्रांस के अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी और सहयोग के निदेशक डॉ. लॉरेंट चेबेसियर ने कहा, एआई के दो हिस्से हैं- प्रेडिक्टिव और जेनेरेटिव। प्रेडिक्टिव एआई डेटा पर आधारित गणनाओं से संभावित घटनाओं, जबकि जेनेरेटिव एआई वास्तविक रचनाओं के सृजन में सहायक है। मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग एआई के आधार हैं।

विज्ञान से लेकर बिज़नेस तक समस्त क्षेत्रों में एआई का उपयोग है, लेकिन दुर्भाग्य यह है, वर्तमान में एआई स्किल्ड लोगों का अभाव है। एमओयू को लेकर बोले, दस्तावेजों पर साइन करने की तुलना में उन्हें मूर्त रूप देना चुनौतीपूर्ण होता है। एआई 1956 में सबसे पहले डार्टमाउथ कॉन्फ्रेंस में उल्लेखित हुई। चैट जीपीटी, टेबल्यू आदि इसके बेहतरीन उदाहरण हैं।

डॉ. लॉरेंट तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के बीआईसी और आईआईसी एंड ऐवांसिटी स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी, बिजनेस एंड सोसाइटी की ओर से न्यू एलटी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: द फ्यूचर ऑफ मैनकाइंड एंड करियर मेकिंग इन एआई पर आयोजित गेस्ट लेक्चर में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इस अतिथि व्याखान में ऐवांसिटी स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी, बिजनेस एंड सोसाइटी के सीनियर कंट्री मैनेजर प्रो. अमोद भट्ट की भी गरिमामयी मौजूदगी रही। व्याख्यान से पूर्व विदेशी मेहमानों का भारतीय परम्परा के तहत तिलक करके स्वागत किया गया।

इस मौके पर मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके व्याख्यान का विधिवत शुभारम्भ हुआ। इस सुअवसर पर विदेशी मेहमानों के संग-संग रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन आदि की भी उपस्थिति रही। डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन ने सेशन की थीम प्रस्तुत की तो रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। अंत में मेहमानों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। संचालन असिस्टेंट डायरेक्टर एकेडमिक्स श्रीमती नेहा आनन्द ने किया। सत्र के दौरान सवाल-जवाब का दौर भी चला।

इससे पूर्व इन मेहमानों का एडमिन ब्लॉक पर माल्यार्पण करके स्वागत किया गया। इस मौके पर वीसी प्रो. रघुवीर सिंह की उल्लेखनीय मौजूदगी रही। बाद में इन अतिथियों ने एडमिन ब्लॉक में कुलाधिपति श्री सुरेश जैन और जीवीसी श्री मनीष जैन से शिष्टाचार के तौर पर मुलाकात भी की। टीएमयू और ऐवांसिटी स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी, बिजनेस एंड सोसाइटी के बीच अंततः एमओयू को मूर्त रूप दिया। गेस्ट लेक्चर के बाद ये मेहमान टीएमयू की फैकल्टी से भी रूबरू हुए। अंत में उन्होंने तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के भव्य कैंपस का भी अवलोकन किया। डॉ. लॉरेंट चेबसियर और प्रो. अमोद भट्ट ने पत्रकारों से गुफ्तगू भी की।

एआई और मानव जीवन का अटूट रिश्ता
डॉ. लॉरेंट चेबेसियर बोले, एआई मानव जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में चीन के अस्पतालों में विभिन्न कोविड मरीजो को एआई का इस्तेमाल करके ही खाद्य पदार्थों का वितरण किया गया। ऑफिस में विभिन्न फाइलों से आवश्यक जानकारी निकलना, उनका वर्गीकरण आदि कार्य सुलभता और दक्षता के साथ इस तकनीक की मदद से किए जा रहे हैं। पब्लिक पार्किंग में जाम जैसी स्थितियों में भी एआई बता देगा, कहां और कब पार्किंग की व्यवस्था और उपलब्धता है।

विभिन्न कार दुर्घटनाओं का पूर्वानुमान लगाकर कार में सुरक्षात्मक प्रक्रिया शुरू कर देना भी इसी का एक कमाल है। रोबोटिक किचन में इसकी मदद से मनचाहा,स्वादिष्ट और उच्च गुणवत्ता का भोजन तैयार किया जा सकता है, बर्तन भी साफ किए जा सकते हैं। समुद्र या नदियों में फैली गंदगी को पहचान कर उनका वर्गीकरण,उचित निस्तारण और नदियों की सफाई में भी इसका इस्तेमाल किया जाने लगा है।

ऐवांसिटी स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी, बिजनेस एंड सोसाइटी के सीनियर कंट्री मैनेजर प्रो. अमोद भट्ट ने कार्यक्रम में शामिल विभिन्न छात्रों और शिक्षकों के प्रश्नों के जवाब दिए। उन्होंने भारत के मानव संसाधन की गुणवत्ता और दीगर देशों में उनकी मांग के बारे में विस्तार से बताया। इस गर्वानुभूति को सभी के साथ साझा किया। टीएमयू की ओर से डीन स्टुडेंट्स वेलफेयर प्रो. एमपी सिंह, सीसीएसआईटी के डायरेक्टर प्रो. आरके द्विवेदी, डायरेक्टर सीटीएलडी प्रो. आरएन कृष्णिया के संग-संग नर्सिंग और मेडिकल के छात्रों ने आर्टिफिशियल इंजेलिजेंस से जुड़े तमाम सवाल पूछे।

डीन प्रो. मंजुला जैन बोलीं, तकनीक मानवता का भविष्य
डीन एकेडेमिक्स एवम् टीएमयू आईसीसी की चेयरपर्सन प्रो. मंजुला जैन ने कहा, तकनीक मानवता का भविष्य है, परंतु मानवीय संवेदना को यह विस्थापित नहीं कर सकती है। साथ ही बोलीं, एआई ने उच्च शिक्षा के विकास रूपी मुकुट में भी नए पंख जोड़े हैं। मेडिकल में तो एआई की महती भूमिका है ही, साथ ही एग्रीकल्चर एजुकेशन में भी अति महत्वपूर्ण रोल का निर्वाह कर रही है।

उन्होंने बताया कि एआई एक बहुउद्देश्यीय साधन है, इसीलिए एआई की हर क्षेत्र में उपयोगिता बढ़ती जा रही है। वर्तमान में एआई एथिसिस्ट की मांग भी बढ़ती जा रही है। साथ ही उन्होंने एआई को दुधारी तलवार की संज्ञा दी। अंत में उन्होंने तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी की ऐवांसिटी स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी, बिजनेस एंड सोसाइटी, फ्रांस के संग हुए एमओयू पर यूनिवर्सिटी परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं भी दीं।

मेहमानों और प्रतिभागियों का धन्यवाद करते हुए रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा ने एमओयू की कार्ययोजना को धरातल पर लाने पर हार्दिक बधाई देते हुए उहोंने नए प्रोग्राम की विस्तार से जानकारी भी दी। साथ ही रजिस्ट्रार डॉ. शर्मा ने छात्रों से इसे आत्मसात कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अतिथि व्याख्यान में समस्त आयोजक मंडल, टीएमयू परिवार, शिक्षक-छात्रों की सहभागिता पर भी प्रसन्नता व्यक्त की। अतिथि व्याख्यान में डीन स्टुडेंट्स वेलफेयर प्रो. एमपी सिंह, सीसीएसआईटी के डायरेक्टर प्रो. आरके द्विवेदी, डायरेक्टर सीटीएलडी प्रो. आरएन कृष्णिया, फार्मेसी के प्राचार्य डॉ. अनुराग वर्मा, श्री आशीष सिंघई, डॉ. पंकज गोस्वामी, आदि की मौजूदगी रही।

इन मेहमानों से शिष्टाचार भेंट करने वालों में लॉ कॉलेज के डीन प्रो. हरबंश दीक्षित, एग्रीकल्चर कॉलेज के डीन प्रो. प्रवीन जैन, नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या डॉ. पूनम शर्मा, लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. एसके सिंह, मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल प्रो. एसके जैन, फाइन आर्टस के प्रिंसिपल श्री रविन्द्र देव, पैरामेडिकल के वाइस प्रिंसिपल प्रो. नवनीत कुमार आदि शामिल रहे।

एमओयू साइन करने वाली यूपी की पहली यूनिवर्सिटी टीएमयू
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय हस्तियों- डॉ. लॉरेंट चेबसियर और प्रो. अमोद भट्ट ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, एआई से बेटर लाइफ और पॉजिटिव इंवायरमेंट संभव है। साथ ही एआई के जरिए स्टुडेंट्स गेमिंग और स्पोर्ट्स के साथ ही हर एक तरीके की फील्ड में अपना टैलेंट दिखा सकते हैं। एक सवाल के जवाब में बोले, कोच्चि, चेन्नई, दिल्ली, अमृतसर के बाद उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय में उन्होंने पहला एमओयू साइन किया है।

इस एमओयू को साइन करने वाली उत्तर प्रदेश की पहली यूनिवर्सिटी टीएमयू है। उन्होंने कहा कि एक्स्पोज़र मिलने के बाद विद्यार्थियों को इंटर्नशिप कराई जाएगी। इसके बाद कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से उन्हें फुल टाइम वर्किंग एम्पलाई की तरह रखा जाएगा। साथ ही वे अपनी ग्रेजुएशन और मास्टर डिग्री के साथ ऐवांसिटी के टेक्नोलॉजी प्रोग्राम से जुड़ी हर तरह की शिक्षा भी ग्रहण कर सकते हैं। पत्रकार वार्ता के दौरान डीन एकेडमिक प्रो. मंजुला जैन और छात्र कल्याण निदेशक प्रो. एमपी सिंह भी मौजूद रहे। अतिथियों ने तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कैंपस की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हुए कहा, आज के कार्यक्रम में विद्यार्थी बहुत अटैंटिव थे। उन्होंने उम्मीद जताई, यह अतिथि व्याख्यान विद्यार्थियों को स्वंय को इंप्रूव करने के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

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