उत्तराखंड

इफेक्टिव टीचिंग-लर्निंग के लिए एआई टूल्स वरदानः प्रो. मैत्रेयी

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी की ओर से नेक्स्ट जेन एजुकेटर्स- ट्रेनिंग ऑन एआई टूल्स फॉर इफेक्टिव टीचिंग लर्निंग प्रोसेस पर हैंड्स ऑन वर्कशाप

राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवम् अनुसंधान संस्थान- एनआईआईटीआर, चंडीगढ़ की प्रो. मैत्रेयी दत्ता ने तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के डीन से लेकर प्रिंसिपल्स, एचओडीज़, फैकल्टीज़ आदि को टीचिंग-लर्निंग और रिसर्च मैनेजमेंट एंड लिटरेचर एक्सप्लोरेशन टूल्स की हैंड्स ऑन ट्रेनिंग दी। टीचिंग-लर्निंग टूल्स में चैट जीपीटी, मैंटीमीटर, क्विज, ओबीएस स्टुडियो, ड्रा आईओ, कैनवास एलएमएस सरीखे टूल्स के बारे में विस्तार से समझाते हुए टीचिंग में इनका उपयोग करना भी सिखाया। साथ ही शोध में उपयोगी टूल्स- जोटेरो, रिसर्च रेबिट और कनेक्टेड पेपर्स जैसे रिसर्च मैनेजमेंट और लिटरेचर एक्सप्लोरेशन टूल्स का भी प्रशिक्षण दिया। डॉ. दत्ता ने एआई आधारित टूल्स को 21वीं सदी के टीचर्स के लिए अनिवार्य बताते हुए कहा, टीचिंग-लर्निंग में इन टूल्स का उपयोग करके शिक्षा की गुणवत्ता में क्रांतिकारी बदलाव किया जा सकता है। प्रो. मैत्रेयी तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद की ओर से नेक्स्ट जेन एजुकेटर्स- ट्रेनिंग ऑन एआई टूल्स फॉर इफेक्टिव टीचिंग लर्निंग प्रोसेस पर एक दिनी हैंड्स ऑन वर्कशाप में बतौर मुख्य वक्ता बोल रही थीं। इससे पहले प्रो. मैत्रेयी ने बतौर मुख्य वक्ता, डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन, टीएमयू मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. एनके सिंह, नर्सिंग की डीन प्रो. एसपी सुभाषिनी, एग्रीकल्चर के डीन प्रो. पीके जैन आदि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके हैंड्स ऑन वर्कशाप का शुभारम्भ किया। कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को शिक्षण, अधिगम और अनुसंधान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और तकनीकी टूल्स के उपयोग में दक्षता प्रदान करना था। अंत में सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट्स भी दिए गए।

प्रो. मैत्रेयी ने टीचर्स को इन टूल्स के साथ शिक्षण को अधिक सहभागिता-युक्त, रचनात्मक और प्रभावशाली बनाने के विभिन्न तरीके भी बताए, जैसे ओबीएस स्टुडियो के जरिए हम अपने प्री रिकॉर्डिड लेक्चर्स को स्टुडेंट्स के साथ शेयर करने के संग-संग विभिन्न सोशल प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीमिंग भी कर सकते हैं। कैनवास में कोर्स कंटेंट को पीपीटी, पीडीएफ या वीडियो फॉर्मेट में अपलोड करने के संग-संग ऑनलाइन असेसमेंट भी कर सकते हैं। ड्रा आईओ की मदद से फ्लो चार्ट, माइंड मैंप, नेटवर्क डायग्राम के जरिए टीचिंग-लर्निंग प्रोसेस को और अधिक सरल और रोचक बनाया जा सकता है। मैंटीमीटर और क्विज का उपयोग विषयवस्तु आधारित क्विज डिजाइन और मूल्यांकन करने में मदद करता है। जोटेरो, रिसर्च रेबिट और कनेक्टेड पेपर्स जैसे रिसर्च मैनेजमेंट और लिटरेचर एक्सप्लोरेशन टूल्स के जरिए शोधार्थी लिटरेचर रिव्यू, रिसर्च पेपर राइटिंग को कम समय में प्रभावी तरीके से प्रस्तुत कर सकते हैं। वर्कशॉप में सीटीएलडी के डायरेक्टर प्रो. पंकज कुमार सिंह, सीनियर रेडियालॉजिस्ट प्रो. राजुल रस्तोगी, नर्सिंग कॉलेजेज़ की प्राचार्या- प्रो. जसलीन एम. और प्रो. श्योली सेन, फिजिकल एजुकेशन कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. मनु मिश्रा, एजुकेशन के प्राचार्य डॉ. विनोद जैन, फिजियोथैरेपी की एचओडी डॉ. शिवानी एम. कौल, यूनिवर्सिटी चीफ लाइब्रेरियन डॉ. विनीता जैन, डॉ. वरुण कुमार सिंह के संग-संग विभिन्न कॉलेजों की फैकल्टीज़ मौजूद रही। संचालन असिस्टेंट डायरेक्टर एकेडमिक्स डॉ. नेहा आनन्द ने किया।

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