नैनीताल। हाईकोर्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में एसआईटी को केस डायरी के साथ स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। न्यायामूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद अगली सुनवाई के लिए तीन नवंबर की तारीख तय की है। पौड़ी गढ़वाल निवासी आशुतोष नेगी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने कहा कि पौड़ी निवासी अंकिता भंडारी हत्याकांड के सुबूत विधायक रेनू बिष्ट के निर्देश पर वनअंतरा रिजॉर्ट में बुलडोजर चलवाकर नष्ट कर दिए गए हैं। रिजॉर्ट में बतौर रिसेप्शिनिस्ट रही अंकिता भंडारी के कमरे से चादर तक गायब कर दी गई। याची ने इस प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है। ऐसे में विधायक रेनू बिष्ट की मुश्किलें बढ़ सकती है। अंकिता हत्याकांड मामले में पुलिस ने पुलकित आर्य सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पौड़ी जिले के यमकेश्वर में वनंत्रा रिजॉर्ट में अंकिता भंडारी (19) रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्य करती थी।
न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकल पीठ ने पौड़ी गढ़वाल निवासी आशुतोष नेगी की याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को यह आदेश पारित किया। मामले की अगली सुनवाई तीन नवंबर को तय की गई है। याचिकाकर्ता नेगी एक समाचार पत्र से बात करते हुए कहा कि यह विधायक के ही निर्देश पर बुलडोजर ने रिसॉर्ट के कुछ हिस्सों को नष्ट कर दिया। कार्रवाई के परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण फोरेंसिक साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ की गई। उन्होंने कहा की वे एसआईटी की जांच से संतुष्ट नहीं हैं। इसलिए उन्होंने अदालत से मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है। 23 और 24 सितंबर की दरम्यानी रात को तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई। उस वक्त भाजपा विधायक रिजॉर्ट के बाहर मौजूद थी। उसने अपने फेसबुक पर एक वीडियो बयान भी पोस्ट किया। इसमें उसे दावा करते हुए सुना जा सकता है कि उसने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से संपर्क किया था जिन्होंने ऋषिकेश में रिसॉर्ट पर बुलडोजर कार्रवाई का आदेश दिया था।