श्रीनगर। अंकिता हत्याकांड को लेकर उत्तराखण्ड दूसरे दिन भी आक्रोश की आग में जलता रहा अंकिता के पिता की अपील पर भी लोग धरने से नहीं हटे और इस बात पर अडे रहे की अंकिता के परिजनों को एक करोंड का मुआवजा और एक व्यक्ति काे सरकारी नौकरी दी जाए आक्रोशित लोग पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक करन ेपर भी अडे रहे। इस बीच अंकिता के पिता से डीएम से लेकर सीएम तक अनुरोध करते रहे पर बिटिया का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया विधायक धन सिंह रावत का पीढीत परिवार के पास नहीं आने पर भी लोगो में आक्रोश दिखा।आक्रोशित लोगों के धरना प्रदशर्न के कारण बद्रीनाथ मार्ग पूरे दिन भर बंद रहा।
19 वर्षीय अंकिता की हत्या के बाद कर पुलिस ने उसका शव बरामद किया था और पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार होना निश्चित किया गया था। वही परिजनों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए आज अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया इसके बाद अलकनंदा नदी घाट पर की गई सारी सुरक्षा व्यवस्थाएं धरी की धरी रह गई। परिजनों के विरोध को देखते हुए शव को वापस मेडिकल कॉलेज के मोर्चरी में रखवा दिया गया है।
परिजनों का आरोप है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट संतोषजनक नहीं है और जो कारण मृत्यु के बताए गए हैं वह सवाल पैदा करते हैं।
मृतका के भाई का कहना है कि जब तक फाइनल रिपोर्ट नहीं आएगी वह अपनी बहन का अंतिम संस्कार नहीं होने देंगे। प्रशासन द्वारा काफी बनाने के बावजूद भी परिजन आज अंतिम संस्कार को तैयार नहीं हुए। परिजनों का यह भी कहना है कि रिसोर्ट पर कार्रवाई करने का फैसला बहुत जल्दबाजी में लिया गया जिसे रोका जा सकता था तब तक जब तक पूरे साक्ष्य पुलिस के पास नहीं पहुंच जाते।
इससे पूर्व पौड़ी पुलिस ने दावा किया था कि रिजॉर्ट में बुलडोजर चलाने से पूर्व ही सभी इलेक्ट्रॉनिक एवं फॉरेंसिक साक्षी विवेचना टीम द्वारा एकत्रित कर दिए गए थे एवं इस कार्रवाई में कोई सबूत नष्ट नहीं हुआ है।