उत्तराखंडराजनीति

भाजपा की नजर कई बड़े नेताओं पर

राजकुमार को मनाने की हैरणनीति, धनै ने कहा वह केवल जनता के संपर्क में

देहरादून। अगले साल के शुरूआती महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए भाजपा युद्ध स्तर परजुट गई है। कांग्रेस को माइंड गेम में चुनौती देते हुए भाजपा अब दूसरे दलों के बड़े नेताओं कोअपने पाले में करने की जुगत में जुटी है। इस मामले मे निर्दलीय विधायकप्रीतम सिंह पंवार को अपने पाले में करने के बाद अब भाजपा दूसरे विधायकों पर भी डोरे डालने लगी है। उनका साफ कहना है किपवार ही अंत नहीं है,यहतो शुरूआत है। भाजपा की नजर खासतौर पर उन सीटों के बड़े नेताओं पर है, जहां वह पिछली बार हार गएथे।

भाजपा की नजर पार्टी में पहले रह चुके विधायकों पर भी है। वह पुरानी बातें भूलकर अब नई शुरूआत करना चाहती है। माना जा रहा है कि भाजपा की नजर पुरोला सेकांग्रेस विधायक राजकुमार पर भी है। राजकुमार वर्तमान में पुरोला से विधायक हैं। वह पहले सहसपुर से भाजपा के विधायक भीरह चुके हैं। भाजपा के कई बड़े नेता राजकुमार के संपर्क में हैं। वह पुरोला से हीराजकुमार को लड़ानाचाहते हैं। हालांकि राजकुमार के नजदीकी इसे पफिलहाल हवा-हवाई बता रहे हैं। हालांकि उनका यह भी कहना है कि राजनीति सबसे ज्यादा परिवर्तनशील है और आखिरी क्षणों में भी कुछ भी हो सकता है। इस मामले में राजकुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई,लेकिन उनका मोबाइलआउट आफ नेटवर्क था।

उधर, प्रीतम सिंह पंवार के भाजपा में शामिल होने के बाद हरीश रावत सरकार में मंत्री रहे दिनेश धनै पर भी पार्टी कीनजर है। पंवार इसके लिए पुल का काम कर सकते हैं। हरीश रावत सरकार में दोनों मंत्रीं रहे हैं। उनके बीच की कैमेस्ट्री भी अच्छी रही है। हालोकि प्रीतम सिंहपंवार काकहना है कि अभी वह दिल्ली में हैं और उनकी इस बारे में किसी से कोई चर्चा नहीं हुई है। उधर, पूर्व मंत्री एवं उत्तराखंड जनएकता पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष दिनेश धने ऐसी किसी संभापना से इनकार किया है।उनकाकहना है कि वह क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर हमेशा मुखर रहे हैं और रहेंगे। उन्होंने भी साफ किया कि वह किसी भी भाजपा के बड़े नेता के संपर्क में नहीं हैं। वह केवल और केवल जनता के संपर्क में हैं।

दूसरी ओर भाजपा केएक बड़े नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि दूसरे दलों के कई बड़े नेता भीपार्टी के संपर्क में है।कहा कि राजनीति में कभी कभार व्यक्तिगत नाराजगी से भी लोग पार्टी छोड़ देते हैं। वर्तमान में कांग्रेस के एक बड़े नेता की ओर इशारा करते हुएउन्होंने कहा कि उनसे भी संपर्क किया जा रहा है। लेकिन इसके लिए उचित समय की तलाश है।

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