उत्तराखंड

भाजपा सरकार की शराब पॉलिसी से महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी होगी: शान्ति प्रसाद भट्ट

भाजपा सरकार का निजी घरों में 50लीटर शराब/बार खोलने के लाइसेंस का हो व्यापक विरोध।
🔹 किसी को तो टिंचरी माई
(दीपा नौटियाल)के अवतार में उतरना होगा ।
🔹 टिहरी में 1970/71 में हुए शराब विरोधी जनआंदोलन के गीतों को दोहराना होगा :
“चला दीदी चला भूल्यों।
गौं बचौण जोला ।।
दारू कू यूं देंत लगूं ।
तै देंत हटोला ।।
उतराखंड की भाजपा सरकार ने शराब पॉलिसी बनाई है मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तराखंड सरकार की नई आबकारी नीति2023-24 के तहत घर में ही बार खोलने के लिए लाइसेंस दिया जा रहा है । राज्य सरकार ने नई आबकारी नीति 2023-24 बनाते हुए यह नियम बनाया कि कोई भी अपने घर में बार बनाकर 50 लीटर शराब रख सकता है। इसके लिए सरकार की ओर से लाइसेंस जारी करने शुरू कर दिए है,हालांकि नई आबकारी नीति 2023- 24 कुछ समय पहले ही लागू हो चुकी है, लेकिन इस नीति के तहत घर पर भी बार खोलने का पहला लाइसेंस अब जारी हुआ है। इसके लिए फीस चुकानी होगी और कुछ शर्तों को भी मानना होगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक देहरादून जिला आबकारी अधिकारी राजीव सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि आबकारी नीति के अनुसार प्रक्रिया पूरी कर व्यक्तिगत उपयोग के लिए पहला लाइसेंस जारी कर दिया गया है। जिला आबकारी अधिकारी ने कहा कि इसका शपथ पत्र भी लिया गया है। इस तरह के बार लाइसेंस के लिए प्रति वर्ष 12 हजार रुपये फीस देनी होगी और एक निश्चित मात्रा में भारत में निर्मित शराब 9 लीटर और विदेशी मदिरा (इम्पोर्टेड) 18 लीटर, वाइन 9 लीटर और बीयर 15.6 लीटर रखने की अनुमति दी जाती है । नियम के अनुसार लाइसेंस लेने वाले व्यक्ति को इसके लिए प्रतिवर्ष 12000 रूपए फीस देनी होगी।‌

उत्तराखंड की माता बहनों ने अनेकों शराब विरोधी आंदोलन किए है, पौड़ी गढ़वाल की दीपा नौटियाल जिन्हें टिंचरी माई के नाम से भी जाना जाता है, जिन्होंने शराब की दुकान ही फूक डाली थी ,1970/71 के दशक में टिहरी गढ़वाल में भी सुंदर लाल बहुगुणा जी, घनश्याम सैलानी, धूमसिह नेगी, भवानी भाई, कुंवर प्रसून, सुशीला गैरोला, विमला बहुगुणा, कादंबरी सकलानी आदि ने ब शराब के विरोध बड़ा जनांदोलन चलाया था । उत्तराखंड राज्य आन्दोलन के दौरान भी पुरानी टिहरी तीन धारा के निकट पेट्रोल पम्प के सामने की शराब की दुकान को आग लगा दी थी। और जब यह मामला एक मजिस्ट्रेट के पास गया तो उनकी पहली टिप्पणी थी “शराब की ही दुकान जलाई कोई अमृत की तो नही”
शराब को अत्यधिक प्रश्रय देने के लिए भाजपा सरकार की जितनी निंदा की जाय वह कम ही है इनका चाल चरित्र और चेहरा बेनकाब हो गया है, इनकी इस आबकारी नीति से महिला हिंसा बढ़ेगी, घर में ही शराब का स्टॉक होगा तो गृहकलेश बढ़ेगा। और न जानें कितनी महिलाएं इसका शिकार होंगी।

उतराखड कांग्रेस व्यापक जनहित में सरकार की नई आबकारी नीति के विरोध में व्यापक जनांदोलन की रणनीति पर काम कर रही है।

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