
उत्तरकाशी । दुनिया की सबसे उंची चोटी फतह करने के बाद विश्व की सात और चोटियों पर तिरंगा लहराने का सपना बुनने वाली सविता कंसवाल जिंदगी की
चोटी चढने में हार गई। जिन बर्फीली चोटियों पर चढकर वह आसमान का छूना चाहती थी उन्हीं बर्फीली चोटियों में सुमार द्रोपदी का डांडा में वह हमेशा के लिए सो गई। हाल ही में एवरेस्ट फतह करने के बाद नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में अतिथि प्रशिक्षक काम कर रही थी कुछ दिनों बाद ही दक्षिण अफ्रीका में एक चोटी काे फतह करने जाना था पर वो पहले ही जिंदगी का पहाड नहीं चढ पाई। रेसक्यू टीम ने ट्रेनर सहित 16 ट्रेनियों के शव बरामद कर लिए है।
विपरीत मौसम के बावजूद एनआईएम, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना और गुलमर्ग से आई रेसक्यू टीम ने दिनभर बर्फ के नीचे दफन पर्वतारोहियों की खोज की टीम अब तक 16 शव बरामद कर लिए गए है।

उत्तरकाशी जिले के द्रौपदी डांडा टू में एवलांच (avalanche) में फंसे लोगों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। अब तक 16 डेड बॉडीज बरामद कर ली गई हैं। इनमें दो प्रशिक्षक व 12 ट्रेनीज के शव बरामद हुए हैं। 13 लोग अभी भी लापता हैं। एवलांच में कुल 29 लोग फंसे थे। आज रेस्क्यू टीम ने पांच शव निकाले। मरने वालों की कुल संख्या 16 हो गई है। वायुसेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के अलावा जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग से माउंटेनियर की टीम भी रेस्क्यू कार्य में जुटी है। शिनाख्त अभी तक दो ही शवों की हो पाई है।
