देहरादून। जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय पर्यावरण समिति की जिला/राज्य पर्यावरणीय योजना परामर्शी कार्यशाला/बैठक ऋषिपर्णा सभागार में आयोजित की गई। बैठक में जनपद देहरादून की पर्यावरण योजना ड्राफ्ट के संबंध में विस्तार से चर्चा हुई। इस दौरान विशेषज्ञों द्वारा प्रजेन्टेशन के माध्यम से जिलाधिकारी को जनपद हेतु बनाई गई अपशिष्ट प्रबन्धन कार्ययोजना की जानकारी दी गई।
बैठक में जिलाधिकारी ने अपशिष्ट प्रबंधन हेतु यूएलबीवार प्लान बनाने के निर्देश दिए साथ ही किस यूएलबी में क्या कार्य किया जा रहा है इसकी पूर्ण जानकारी/सूचना हो उसके उपरान्त ही अपशिष्ट प्रबंधन का जिला प्लान बनाया जाए जिससे किसी प्रकार की असमंजस की स्थिति न रहे। उन्होंने अपशिष्ट प्रबंधन की ठोस कार्य योजना बनाने पर जोर दिया तथा सुझाव भी लिए गए। बैठक में जनपद में उत्सर्जित तुरंत अपघटनशील जैव अपशिष्ट (आरबीडब्लू) जैव अपघटशील अपशिष्ट (बीडब्लू) अजैव अपघटनशील अपशिष्ट एनबीडब्लू, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (एसडब्लूएम) के विकल्प, नगर निगम, नगर पालिका परिषद स्तर पर अपशिष्ट से माइक्रोबियल जैव खाद्य (एमबीसी) आदि के बनाने के संबंध में विस्तारपूर्वक चर्चा हुई।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी नितिशमणी त्रिपाठी ने अवगत कराया है कि अपशिष्ट प्रबंधन की कार्य योजना प्रदूषण नियंत्रण कन्ट्रोल बोर्ड की वेबसाइड पर अपलोड करने के उपरान्त एक सप्ताह तक जनमानस के सुझाव प्राप्त किए जाएंगे यदि कोई सुझाव शामिल किए जाने योग्य होगा उसे भी कार्य योजना में शामिल किया जाएगा।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान, प्रभागीय वनाधिकारी नितिशमणी त्रिपाठी, सचिव एमडीडीए मोहन सिंह बर्निया, उत्तराखण्ड प्रदूषण बोर्ड से आर.के चतुर्वेदी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।