दो माह बाद चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है, इसके बावजूद प्रदेश के विभिन्न जिलों में खासकर पर्वतीय जिलों में कई पुल जर्जर हालत में हैं। इन पुलों के क्षतिग्रस्त होने से यात्रा प्रभावित होने के साथ ही इनकी कम चौड़ाई के होने से जाम की समस्या रहती है। जिसे देखते हुए विभाग की ओर से प्रदेश भर में इस तरह के वाहन पुलों की भार क्षमता बढ़ाने के लिए अभियान शुरू किया जाएगा।
लोक निर्माण विभाग के मंत्री सतपाल महाराज ने कहा विभाग को इसके निर्देश दिए गए हैं। हर जिले से इसके लिए प्रस्ताव मांगे जा रहे हैं। प्रदेश में न सिर्फ सड़कों बल्कि वाहन पुलाें की स्थिति भी ठीक नहीं है। 526 बड़े और 1739 छोटे वाहन पुलों में से कई में वाहन चालकों को खतरा मोल लेकर आवाजाही करनी पड़ रही है।
पिथौरागढ़ जिले में जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग पर सैंथल के पास बैली ब्रिज और मतियाली सड़क पर बना पुल खतरे की जद में है। नैनीताल में बेतालघाट से रातीघाट मार्ग पर बने वाहन पुल, अल्मोड़ा में नैनीताल और अल्मोड़ा जिले को जोड़ने वाला क्वारब पुल, उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे पर स्वारीगाड़ में बना वैली ब्रिज, रुद्रप्रयाग में रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग पर बना बांसवाडा में बना बसुकेदार क्षेत्र को जोड़ने वाले पुल की स्थिति ठीक नहीं है। टिहरी, चमोली और देहरादून में भी कई मोटर मार्ग पुल जर्जर हैं।
जिलों से प्रस्ताव मांगा