कैबिनेट मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल ने आपदा प्रभावित स्थानों का निरीक्षण किया
कैबिनेट मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल ने आपदाओं से निपटने के लिए अधिकारियों को निरंतर सतर्क और सक्रिय रहकर कार्य करने के निर्देश देते हुए कहा कि आपदा प्रभावितों को न्यूनतम समय में राहत पहॅुचाने का काम सर्वोच्च प्राथमिकता से संपन्न कराया जाय।
अग्रवाल ने जोशियाड़ा में जलभराव की समस्या का तात्कालिक समाधान सुनिश्चित करने हेतु आपदा प्रबंधन सचिव से वार्ता कर अधिकारियों को अविलंब जरूरी उपाय किए जाने के निर्देश दिए।
जिले के अपने भ्रमण के दौरान अग्रवाल ने आपदा प्रभावित अनेक स्थानों का निरीक्षण भी किया। राज्य में विभिन्न आपदाओं एवं चमोली में हुए हादसे में हताहतों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए अग्रवाल ने अपने भ्रमण के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर एवं स्वागत-सम्मान की औपारिकताओं से दूरी बनाए रखी।
राज्य के वित्त, शहरी विकास एवं आवास, विधायी एवं संसदीय कार्य, जनगणना एवं पुनर्वास मंत्री श्री प्रेम चन्द अग्रवाल ने अपने जनपद भ्रमण के दौरान एनआईएम के सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर जिले में आपदा से हुए नुकसान की जानकारी लेने के साथ ही राहत कार्यों की समीक्षा की।
अग्रवाल ने अवरूद्ध सड़कों को अविलंब खोले जाने के साथ ही क्षतिग्रस्त पेयजल लाईनों की मरम्मत किए जाने का काम तेजी से पूरा करने की हिदायत दी। उन्होंने बिजली की सुचारू आपूर्ति की व्यवस्था करने सहित आपदा प्रभावित को राहत पहॅुचाने के लिए तात्कालिक आवश्कता वाले सभी काम जल्द पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि एक सप्ताह के बाद इसकी समीक्षा की जाएगी।
कैबिनेट मंत्री ने गंगोत्री धाम में पेयजल आपूर्ति सुचारू बनाए रखने सहित दूरस्थ पिलंग-जौड़ाऊ गॉंव के बीच पुलिया के बह जाने से बाधित संपर्क को बहाल करने के उपाय सुनिश्चित करने तथा सैंज-जखोल, आराकोट-चींवा मोटर मार्ग सहित मोरी ब्लॉॅक की बंद पड़ी सड़कों को भी अविलंब खोले जाने के निर्देश दिए।
उन्होंने बैठक में अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खण्ड बड़कोट की अनुपस्थिति पर स्पष्टीकरण मॉंगते हुए कहा कि मानसूनकाल में सभी अधिकारी अपने मुख्यालय पर रहकर 24 घंटे मोबाईल हमेशा खुले रखेें। उन्होेंने अधिकारियों को आपदा प्रबंधन कार्यों में परस्पर समन्वय से कार्य करने और इसमें जन-प्रतिनिधियों का भी सहयोग लेने की हिदायत देते हुए कहा कि आपदा राहत के मामलों में मानवीय दृष्टिकोण एवं व्यावहारिक रवैया अपनाते हुए प्रभावितों को हर संभव मदद पहॅुचाने का पूरा प्रयास होना चाहिए।
इस मौके पर जलभराव की समस्या से संबंधित मामलों की जानकारी लेते हुए श्री अग्रवाल ने जिला मुख्यालय के जोशियाड़ा क्षेत्र में जलभराव की प्रमुख समस्या के समाधान के संबंध में दूरभाष पर आपदा प्रबंधन सचिव से वार्ता कर पानी की निकासी के तात्कालिक महत्व के कार्य हेतु धनराशि स्वीकृत किए जाने की अपेक्षा की।
उन्होंने कहा प्रशासन के स्तर पर इस समस्या के स्थायी समाधान हेतु विस्तृत ड्रेनेज प्लान भी बनाया गया है। श्री अग्रवाल ने इस समस्या के लेकर उनसे भेंट करने वाले स्थानीय लोगों को इस समस्या को जल्द निाराकरण करने का भरोसा दिया।
बैठक में जिले में आपदा प्रबंधन के लिए तैयार की गई कार्य योजना एवं इस साल की आपदा की घटनाओं तथा नुकसान का ब्यौरा पेश करते हुए बताया गया कि जिले में विभिन्न घटनाओं में कुल 8 व्यक्तियो की मृत्यू हुई और 6 व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुए थे।
आपदा के कारण 2 भवन पूर्ण रूप से, 8 मकान तीक्ष्ण रूप से तथा 113 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए है। दो गोशालाओं को भी नुकसान पहुॅंचा है और 38 छोटे व 13 बड़े पशुओं की मुत्यृ हुई। अधिकांश मामलों में प्रभावित को तत्काल राहत राशि उपलब्ध कराई गई है।