
ऋषिकेश। उत्तराखंड के चारों धामों में तय संख्य से अधिक यात्री न पहुंचे इसके लिये ऋषिकेश में ही सरकार की ओर से ट्रिप कार्ड की व्यवस्था की जा रही है, इसमें वाहन के साथ ही यात्रियों का पूर ब्योरा उपलब्ध रहेगा लेकिन इसके लिये सरकारी स्तर पर पूर व्यवस्था नहीं की गयी है एसे में सोमवार को ऋषिकेश में मोटर मालिक और तीर्थयात्री हलकान रहे। सरवर डाउन होने से ट्रिप कार्ड में समोचित जानकारी अपलोड नहीं हो पा रही थी। बाद में वाहन मालिकों और तीर्थयात्रियों की मांग पर मैनुयल जानकारी रजिस्टर में अंकित की गयी और उसके बाद पचास से अधिक बसें चारधाम यात्रा के लिये रवाना की गयीं। उधर धामों में तीर्थयात्रियों की संख्य सीमित करने के विरोध में उत्तरकाशी होटल असोसियेशन ने प्रदर्शन कर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के इस्तीफे की मांग की।
अश्रय तृतया के अवसर पर उत्तराखंड के चारों धामों की यात्रा शुरू होने जा रही है इसके लिये बड़ी संख्य में देश के विभिन्न हिस्सों से तीर्थयात्री चारधाम यात्रा के मुख्यद्वार ऋषिकेश पहुंचने लगें हैं। यात्रा के ठीक एक दिन पहले ऋषिकेश में भारी अव्यवस्था देखी गयी। पर्यटन विभाग पहले सभी वाहनों का पंजिकरण ग्रीन कार्ड के माध्यम से करता था जिसमें वाहन सें संबंधित सभी परपत्रों की जानकारी अंकित रहती थी इस बार कोरोना के बाद दो साल बाद यात्रा शुरू हो रही है जिससे धामों में तीर्थयात्रियों की संख्य बड़ने के आसार हैं। सरकार ने चारों धामों में रात्री विश्राम के लिये यात्रियों की संख्य तय करदी है। एसे में ऋषिकेश से ही विभिन्न धामों के लिये ट्रिप कार्ड के आधार पर बसें भेजी जा रहीं हैं। ट्रिप कार्ड में वाहनों से संबंधित समस्त जानकारी के साथ ही यात्रियों का ब्योरा भी अंकित किया जा रहा है लेकिन सर्वर के काम न करने से ऋषिकेश में दिनभर वाहन मालिक और तीर्थयात्री परेशान रहे बाद में भारी हो हलला के बाद विभाग ने मैनुयल पंजिकरण कर पचास से अधिक बसों को धामों के लिये रवाना किया।
वाहन मालिक दर्वेश्वर कुडियाल ने कहा कि सरकार को यात्रा शुरू होने से पहले ही सारी व्यवस्थाऐं दुरुस्त करनी चाहिए थी लेकिन एसा नहीं किया गया जिससे सभी लोग परेशान रहे। उन्होंने कहा की सरवर की छमता बड़ाने के बाद ही ट्रिप कार्ड व्यवस्था लागू करनी चाहिए। एसा नहीं होने पर पूर्व की भांती ग्रीन कार्ड के आधार पर वाहनों को चारधाम के लिये रवाना करना चाहिए। उधर धामों में यात्रियों की संख्य सीमित करने पर तीर्थ पुरोहितों और होटल कारोबारियों में गुस्सा है, उनका कहना है कि कोरोनकाल में दो वर्षों तक यात्रा बंद रही एसे में उनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित रहा हे। अब जब यात्रा में तेजी आने के आसार हैं तो सरकार ने संख्य सीमित कर दी जिसका उनके कारोबार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उत्तरकाशी में तो होटल कारोबारियों ने प्रदर्शन कर मांग की है कि तीर्थ यात्रा में सरकार को व्यवस्थाओं में सुधार लाना चाहिए और तीर्थ यात्रियों की संख्य सीमित नहीं करनी चाहिए। चारधाम यात्रा तो उत्तराखंड की आर्थिक की रीड है।