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ओपन यूनिवर्सिटी की नियुक्तियों में भी उठ रहा भ्रष्टाचार का धुंआ

असिस्टंेट प्रोफेसर के लिए 35-35 लाख तक लेने के लग रहे आरोप

दहरादून।भर्ती की आग का धुंआ अब उतराखण्ड ओपन यूनिवरसिटी से भी निकलने लगा है  ओपन यूनिवरसिटी मे असिस्टंेट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए 35-35 लाख रूपय लेने की चर्चा अब आम होने लगी है उत्तरकाशी मे अबतक दबे जुबान से हो रही चर्चा अब दुसरे क्षेत्रो मे भी मुखर हो गई है।

अब उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी में भर्तियों को लेकर सोशल मीडिया में एक लिस्ट वायरल हो रही हैं। इस लिस्ट में कई रसूखदार नेताओं और अधिकारियों ने अपने चहेतों को नौकरी पर लगाया है।हालांकि सोशल मीडिया पर वायरल इस लिस्ट में कितनी सत्यता है। इसकी  पुष्टि नहीं हो पाई है।लेकिन उत्तरकाशी में एक रिटार्यड अधिकारी कई महीनो से कह रहे थे कि उनकी बेटी को बतौर असिस्टंेट प्रोफेसर नियुक्त करने के लिए 35 लाख् रूपय मागंे गए थे इतनी  राशि मांगने पर उनकी बेटी का चयन नही हो पाया वही एक प्रधानाचार्य ने  भी उनकी बेटी का असिस्टंेट प्रोफेसर नियुक्त करने के लिए 35 लाख रूपय मांगे गए वह इतनी राशि नही दे पाए तो उनकी बेटी का चयन भी नही हुआ। अधिकारी ने तत्कालीन विधायक गोपाल रावत से संर्पक किया ताे उसके बाद भी नियुक्ति के लिए 30 लाख तो देने ही पडेंगे ये कहा गया।लिस्ट के वायरल होने के बाद कांग्रेस ने उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी में नियमों को ताक पर रखकर अपने करीबियों को भर्ती देने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की।

धन सिंह रावत ने कहा कि लोकतंत्र में जनता हमें विधायक और मंत्री बनाकर भेजती है और यदि कोई गलत काम होता है तो उसकी जवाबदेही हमारी होती है। धन सिंह रावत ने साफ कहा कि यदि ओपन यूनिवर्सिटी में किसी भी तरह की भर्ती में गड़बड़ी की बात सामने आती है तो वह उसकी जांच कराने के लिए तैयार हैं।

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