‘‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान‘‘ का उत्तराखण्ड राज्य में शुभारम्भ
आयुष मंत्रालय, भारत सरकार तथा भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली द्वारा संचालित ‘‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान‘‘ का उत्तराखण्ड राज्य में शुभारम्भ सचिव, आयुष एवं आयुष शिक्षा, उत्तराखण्ड शासन रविनाथ रमन के प्रकृति परीक्षण कर किया गया।
इस अवसर पर सचिव महोदय द्वारा बताया गया कि देश का प्रकृति परीक्षण अभियान आयुष मंत्रालय, भारत सरकार की एक अनूठी पहल है जिसमें कोई भी नागरिक अपनी प्रकृति जान सकता है।
इस अभियान को उत्तराखण्ड राज्य में संचालित करने हेतु भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तराखण्ड को नोडल एजेन्सी बनाया गया है। सचिव महोदय द्वारा इस अभियान के सफल संचालन हेतु भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तराखण्ड को शुभकामनायें दी गयी।साथ डॉक्टर के टीम द्वारा सचिव श्री रविनाथ रमन का प्रकृति परीक्षण भी किया गया
ज्ञात हो कि देश का प्रकृति परीक्षण अभियान भारत सरकार की एक अनूठी पहल है जिसमें देश के 01 करोड़ से अधिक नागरिकों का प्रकृति परीक्षण (वात, पित्त, कफ) किया जायेगा। जिसे “गिन्नीज़ बुक आफ़ वर्ड रिकॉर्ड “ में सम्मिलित करने जा लक्ष्य रखा गया है ।इसके लिए प्रत्येक राज्य में राज्य समन्वयक, राज्य सह-समन्वयक, जिला समन्वयक नामित किये गये हैं।
अभियान को सफल बनाये जाने हेतु उत्तराखण्ड शासन, आयुर्वेद निदेशालय, समस्त जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, समस्त राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी, निजी आयुर्वेदिक चिकित्साभ्यासियों, आयुर्वेदिक शिक्षकों तथा आयुर्वेद शिक्षा में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
प्रकृति परीक्षण हेतु आयुष मंत्रालय द्वारा एक मोबाईल एप तैयार किया गया है। प्रकृति परीक्षण हेतु कोई भी नागरिक अपने स्मार्ट फोन पर Prakruti Parikshan ऐप डाउनलोड कर सीटीजन के रूप में रजिस्टर्ड कर सकते हैं तथा रजिस्ट्रेशन के अन्त में प्राप्त QR कोड को किसी भी आयुर्वेदिक चिकित्सक को बताना है। चिकित्सक द्वारा QR कोड स्कैन कर प्रकृति जानने की प्रक्रिया पूर्ण की जायेगी।
इस अवसर पर भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तराखण्ड के अध्यक्ष तथा राज्य समन्वयक डाॅ0 जे0एन0 नौटियाल, रजिस्ट्रार श्रीमती नर्वदा गुसांई, राज्य सह-समन्वयक डाॅ0 सनन्दन थपलियाल, जिला समन्वयक डाॅ0 मीरा रावत ,डा दीपा चुग ,डॉ रत्न त्रिपाठी ,डा अंकिता शाह ,डा अर्चना कोली उपस्थित रहे।