उत्तरप्रदेशशिक्षा
मौजूदा दौर मल्टी डिसिप्लीनरी रिसर्च का: प्रो. एसएन सिंह

मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के ऑडीटोरियम में कॉलेज ऑफ कम्प्यूटर साइंसेज एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी- सीसीएसआईटी की ओर से सिस्टम मॉडलिंग एंड एडवांसमेंट इन रिसर्च ट्रेंड्स- स्मार्ट 2022 पर आयोजित 11वीं अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का समापन
ख़ास बातें
क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने की दरकार:प्रो. आशीष
शोध में हो समाज की प्रॉब्लम्स का हल: डॉ. मनोज
स्मार्ट कॉन्फ्रेंस में कुल पढ़े गए 291 रिसर्च पेपर्स
स्मार्ट कॉन्फ्रेंस मील का पत्थर साबित होगी: प्रो. द्विवेदी
अटल बिहारी वाजपेयी- भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान- एबीवी-आईआईआईटीएम, ग्वालियर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के निदेशक प्रो. एसएन सिंह ने कहा, समस्याओं का समाधान चिंता से नहीं बल्कि चिंतन से होता है। चिंता करना किसी समस्या का हल नहीं है। आप क्या हैं यह महत्वपूर्ण नहीं है? महत्वपूर्ण है कि आप कौन हैं? प्रो. सिंह गुरू द्रोणाचार्य के शिष्यों दुर्योधन और अर्जुन को कोट करते हुए बोले, एक गुरू के होते हुए भी दोनों के सिखने का तरीका अलग था। ऐसे में टीचर्स की गुणवत्ता पर प्रश्न करना ठीक नहीं है। आप क्या सीखते हैं यह आपकी प्रवृति पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा, स्मार्ट कॉन्फ्रेंस आगे बढ़ रही है। यह समय की आवश्यकता है। स्मार्ट होने का मतलब है आप में अच्छी ऑब्जर्वेशनल और लॉजिकल स्किल्स का होना। लर्निंग दो प्रकार की होती है- सुपरवाइज़ और अनसुपरवाइज़। कॉन्फ्रेंस के महत्व पर बोलते हुए कहा, कॉन्फ्रेंसेज़ लोगों से व्यक्तिगत रूप से जुड़ने के लिए प्लेटफॉर्म मुहैया कराती है। प्रौद्योगिकी के विकास की गति बहुत तेज है। इंवेन्शनस अक्सर सरप्राइजेज़ से ही हुए हैं। आज का युग मल्टी डिसिप्लीनरी रिसर्च का है। रिसर्च अनुप्रयोग परक होनी चाहिए। टू एस- स्माइल और साइलेंस का सिद्धांत बताते हुए बोले, ये दोनों सिद्धान्त सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसीलिए दोनों में संतुलन बनाकर रखें। प्रो. सिंह तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के ऑडीटोरियम में कॉलेज ऑफ कम्प्यूटर साइंसेज एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी- सीसीएसआईटी की ओर से सिस्टम मॉडलिंग एंड एडवांसमेंट इन रिसर्च ट्रेंड्स- स्मार्ट 2022 पर आयोजित 11वीं अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के समापन मौके पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।


एमएनएनआईटी, इलाहाबाद के आईईईई कॉन्फ्रेंस कमेटी के मेंबर एवम् ईई विभाग के प्रो. आशीष कुमार सिंह बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर बोले, हमें क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने की जरूरत है। यह आईईईई का भी उद्देश्य है। उन्होंने आईईईई मेंबरशिप का महत्व बताते हुए कहा, यह हमारे प्रोफेशनल डवलपमेंट में बहुत सहायक है। आपका दृष्टिकोण प्राब्लम सॉलबिंग होना चाहिए। श्री माता वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी, कटरा(जम्मू) के डॉ. मनोज कुमार गुप्ता बोले, रिसर्च एप्लीकेटिव और एम्पलीमेंटेटिव होने के साथ-साथ समाज की जरूरतों और समस्याओं के समाधान मुहैया कराने में मदद करने वाली होनी चाहिए। इस मौके पर गुरूकुल कांगड़ी यूनिवर्सिटी, हरिद्वार के डिपार्टमेंट ऑफ टेक्नोलॉजी के हेड प्रो. करमजीत भाटिया, आई नर्चर नार्थ जोन के मेंटर डॉ. आशीष कुमार गुप्ता ने भी अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए। कॉन्फ्रेंस में आईईई के आब्जर्वर श्री केसी मिश्रा, आईईई के आब्जर्वर डॉ. वरुण कुमार कक्कड़, प्रॉक्टर डॉ. शंभू भारद्वाज, डॉ. विपिन कुमार, श्री अजय चक्रवर्ती, मिस नीरज कुमारी, प्रो. आरसी त्रिपाठी, डॉ. जरीन फारूख, डॉ. विनय कुमार मिश्रा, डॉ. नमित गुप्ता, डॉ. हिमांशु कुमार, डॉ.गुलिस्ता खान, डॉ. पराग अग्रवाल, श्री हरजिंदर सिंह, मिस हुमैरा अकील, श्री विनीत सक्सेना, श्री अजय रस्तोगी, डॉ. दिपतोनिल बनर्जी, श्री राहुल विश्नोई, श्री मोहन विशाल गुप्ता आदि मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है, कॉन्फ्रेंस के दौरान भारत समेत बांग्लादेश, आइसलैंड, मलेश्यिा, हंगरी, नॉर्वे, ओमान, रोमानिया, सऊदी अरब, यूनाइटेड स्टेट, उज़्बेकिस्तान कुल 11 देशों के आईटी विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया। कॉन्फ्रेंस के 24 तकनीकी सत्रों में 13 ट्रैक के देश-विदेश के शोधार्थियों की ओर से उभरती हुई प्रौद्योगिकियां, आईओटी और वायरलेस संचार, संचार और नेटवर्क प्रसारण, सिग्नल इमेज एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी, शासन, जोखिम और अनुपालन, ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी, उद्योग 4.0, शिक्षा 4.0, सिस्टम मॉडलिंग और डिजाइन कार्यान्वयन, रोबोटिक्स, कंट्रोल, इंस्ट्रूमेंटेशन और ऑटोमेशन, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और हैल्थकेयर टेक्नोलॉजीज, डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग, सूचना सुरक्षा और इंजीनियरिंग जैसे विभिन्न विषयों पर शोध पत्र पढ़े गए।