
देहरादून। मानसून की वर्षा से उत्तराखंड में जनजीवन प्रभावित हो गया है। भारी बारिश के चलते मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। यलो अलर्ट जारी रहने के बीच सोमवार की आधी रात सहस्रधारा क्षेत्र के कर्लीगार्ड में अतिवृष्टि ने कहर बरपा दिया। रात करीब एक बजे तेज बारिश के बीच सहस्रधारा–सलोना मार्ग पर भूस्खलन हुआ और मलबा सड़क पर फैल गया। वहीं, बारिश का पानी घरों में घुसने से लोगों में दहशत फैल गई और कई लोग जागकर घरों से बाहर निकल आए।
मलबे की चपेट में सड़क, पुलिया, होटल, रिसॉर्ट और दुकानें आ गईं। स्थानीय लोगों ने मोबाइल से वीडियो बनाकर एक-दूसरे को सतर्क किया। वीडियो में सहस्रधारा का संपर्क कटने की बात कही जा रही है। लोगों में भय और असहजता का माहौल बना हुआ है। प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू करते हुए नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी। एसडीआरएफ और फायर की टीम मौके पर रवाना हो चुकी है। देर रात ही जेसीबी मशीनों से मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है ताकि सड़क संपर्क जल्द बहाल किया जा सके।
स्थानीय प्रशासन लगातार निगरानी कर रहा है और मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनी को गंभीरता से लिया जा रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत दल तैनात कर दिए गए हैं।
इसके साथ ही मसूरी–देहरादून मार्ग पर कोल्हूखेत से नीचे पानी वाले बैंड के पास भी रात करीब साढ़े नौ बजे भूस्खलन हुआ। सड़क अवरुद्ध होने से दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। जाम में फंसे मसूरी होटल एसोसिएशन अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि मूसलधार बारिश के चलते सड़क पर पत्थर और मलबा गिर गया, जिससे यातायात ठप हो गया। उन्होंने बताया कि जेसीबी मशीनें और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर सड़क खोलने का प्रयास कर रही हैं।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में और भारी बारिश की संभावना जताई है। प्रशासन ने सभी से सतर्क रहने, अनावश्यक यात्रा से बचने और नदी-नालों से दूरी बनाए रखने की अपील की है। राहत कार्यों में स्थानीय प्रशासन, पुलिस, आपदा प्रबंधन दल, एसडीआरएफ और फायर विभाग संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं ताकि जल्द स्थिति सामान्य हो सके।