देहरादून। उत्तराखंड में चुनाव नजदीक आते ही अब बाजी अपने हाथ करने के लिए राजनीतिक दल एक-दूसरे पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने लगे हैं। इस मामले में कांग्रेस काफी हमलावर है। जबकि भाजपा रक्षात्मक मुद्रा में नजर आ रही है। वहीं भाजपा से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत स्वयं को हटाने से इस कदर खफा हैं कि वह यदा-कदा उनकी टीस बाहर निकल ही आती हे।
आमतौर पर चुनाव नजदीक आते ही दल-बदल का दौर भी शुरू हो जाता है। इसका खामियाजा ज्यादातर सत्ताधारी दल को होता है। पिछले चुनाव में कांग्रेस को इसका भारी नुकसान हुआ।अब भाजपा के भीतर से भी ऐसी की खबरें छनकर आ रही है। बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में भाजपाई आम आदमी पार्टी की ओर टकटकी लगाए हैं। जबकि कांग्रेस नेता हरीश रावत और प्रीतम सिंह का दावा है कि भाजपा के कई बड़े क्षत्रप कांग्रेस में आने की हामी भर चुके हैं। हालांकि वह सीधे तौर पर किसी नाम का खुलासा नहीं कर रहे हैं, लेकिन इशारों ही इशारों में उनका कहना है कि भाजपा के कई बड़े नेता वहां उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का भी कहना है कि भाजपा के कई असंतुष्ट नेता उनके संपर्क में है। वह कांग्रेस पार्टी में शामिल होना चाहते हैं। बावजूद इसके कांग्रेस उनके शामिल होने का गुणाभाग देखकर ही कोई फैसला लेगी। हालांकि भाजपा नेताओं को पार्टी में शामिल कराने का अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान को ही करना है। प्रीतम ने पार्टी के संपर्क में होने का जिन भाजपा नेताओं की ओर इशारा किया है उनमें ज्यादातर वही चेहरे हैं जिनके गले में कभी कांगेस का तिरंगा लहराता था। जबकि कुछ ऐसे नेताओं के नाम भी हैं, जो दायित्वधारी रहे हैं।प्रीतम सिंह का कहना है कि भाजपा शासन में विकास ठप हो गया है। घोषणाएंधरातल पर नहीं उतर रही हैं। ऐसे में जनता ही नहीं बलकि भाजपा कार्यकर्ता भी हताश हैं।
उधर, आम आदमी पार्टी का दावा है कि टिकट कटने और टिकट नहीं मिलने की संभावना को देखते हुए कई भाजपा नेता उनके संपर्क में हैं। ऐसे नेताओं की बैकग्राउंड पार्टी की नीतियों के आधार पर खंगाली जा रही है, ताकि उनके शामिल कराने से आप को नुकसान न हो।