उत्तरप्रदेश

बालिका विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज में पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित

लखनऊ :

श्रीमद्भागवत में श्रीकृष्ण युधिष्ठिर को वृक्षों का महत्त्व बताते हुये कहते हैं
पश्यैतान् महाभागान् पराबैंकान्तजीवितान्।
वातवर्षातपहिमान् सहन्तरे वारयन्ति नः॥
अर्थात वृक्ष इतने महान् होते हैं कि ये परोपकार के लिये ही जीते हैं। ये आँधी, वर्षा और शीत को स्वयं सहन करते हैं पर हमको सारे कष्टों से बचाते हैं। बालिका विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्र ने विद्यालय में आज आयोजित होने वाले वृक्षारोपण कार्यक्रम में वृक्षों के महत्व को बताते हुए कहा कि जिस प्रकार किसी सज्जन के सामने से कोई याचक खाली हाथ नहीं जाता उसी प्रकार इन वृक्षों के पास से भी कोई खाली हाथ नहीं जाता।

प्रधानाचार्य लीना मिश्र ने यह भी कहा कि सनातन धर्म में होने वाले किसी भी पूजा पाठ में न कि सभी वनस्पतियों का आह्वान किया जाता है बल्कि समय-समय पर व्रत त्योहारों के माध्यम से उनकी पूजा भी की जाती है। हमें इस पूजा पद्धति के वैज्ञानिक दृष्टिकोण का ध्यान रखते हुए इसे अपने जीवन के साथ जोड़ कर रखना चाहिए।

इसी से हमारा और हमारी पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित रहेगा क्योंकि प्रकृति द्वारा प्रदत्त सभी वनस्पतियों का हमारे जीवन ने किसी न किसी रूप में महत्त्व है और वह रोग व्याधियों से मुक्त रखने में सदैव सहायक होती हैं और प्राणवायु का तो मुख्य स्रोत हैं ही। अतः शिक्षा नहीं, संस्कार की तरह बालिका विद्यालय इसे अपनी छात्राओं में विकसित करता है।

वर्षपर्यंत होने वाले अनेक कार्यक्रमों और गतिविधियों में वृक्षारोपण कार्यक्रम भी विद्यालय में प्रकारांतर से मनाया जाता है। आज नवयुग कन्या महाविद्यालय के सौजन्य से प्रोफ़ेसर मंजुला यादव, प्रोफ़ेसर सीमा सरकार और प्रोफ़ेसर सरिता कनौजिया, नवयुग महाविद्यालय की छात्राओं तथा बालिका विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्र, बालिका विद्यालय की पर्यावरण समिति वाटिका की नोडल उत्तरा सिंह, ऋचा अवस्थी, मंजुला यादव और विद्यालय की छात्राओं के साथ विद्यालय की समस्त शिक्षिकाओं उमारानी यादव, पूनम यादव, शालिनी श्रीवास्तव, अनीता श्रीवास्तव, मीनाक्षी गौतम, ऋतु सिंह इन सभी के द्वारा बालिका विद्यालय में आम और आंवले के वृक्ष लगाए गए।

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