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टीएमयू में एक्सपर्ट्स ने बताईं शोध पद्धति की बारीकियां

मुरादाबाद :
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के रिसर्च सेंटर और आईक्यूएसी की ओर से रिसर्च मैथोडोलॉजी टूल एंड टेक्निक्स पर एक सप्ताह के फैकल्टी डपलपमेंट प्रोग्राम-एफडीपी का शुभारम्भ

ख़ास बातें-
वीसी प्रो. सिंह ने शोध प्रारूप और सैंपलिंग तकनीक बताई
डॉ. शैलेश कौशल ने समझाई डाटा कलेक्शन प्रक्रिया
एफडीपी के पहले दिन डेढ़-डेढ़ घंटे के हुए चार सत्र
एफडीपी में रिसर्चर्स ने एक्सपर्ट्स सेे पूछे तमाम सवाल
फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम में 101 रिसर्च स्कॉर्ल्स शामिल

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के रिसर्च सेंटर और आईक्यूएसी की ओर से रिसर्च मैथोडोलॉजी टूल एंड टेक्निक्स पर फैकल्टी डपलपमेंट प्रोग्राम-एफडीपी का एग्जामिनेशन बिल्डिंग के न्यू एलटी में मां सरस्वती का माल्यार्पण करके श्रीगणेश हुआ। इस अवसर पर टीएमयू के वीसी प्रो. रघुवीर सिंह, डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन के संग-संग यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ के डॉ. शैलेश कौशल आदि ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर ज्वाइंट रजिस्ट्रार- रिसर्च एंड डवलपमेंट एवम् एफडीपी की ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. ज्योति पुरी, टीएमयू मेडिकल कॉलेज की स्टेटिशियन डॉ. उम्मे अफीफा आदि की भी गरिमामयी मौजूदगी रही।

एफडीपी में यूनिवर्सिटी के शिक्षाविदों के संग-संग रिसर्च स्कॉर्ल्स, एमडी, एमएस और एमडीएस के पीजी रिसर्च स्कॉर्ल्स समेत 100 से अधिक स्टुडेंट्स ने प्रतिभाग किया। इस मौके पर सवाल-जवाब का दौर भी चला। एक्सपर्ट ने स्टुडेंट्स के सवालों का जवाब देकर उनकी समस्याओं का समाधान किया। ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. ज्योति पुरी ने वोट ऑफ थैंक्स दिया। अंत में वीसी प्रो. रघुवीर सिंह ने यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ के डॉ. शैलेश कौशल को स्मृति चिन्ह भेंट किया। संचालन असिस्टेंट रजिस्ट्रार गवर्नेंस श्री बसवराज मुधोल ने किया।

एफडीपी में चार सत्र हुए डेढ़ घंटे के पहले सत्र में टीएमयू के वीसी प्रो. रघुवीर सिंह ने फंडामेंटल्स ऑफ रिसर्चः थ्योरी बिल्डिंग हाइपोथिसिस फार्मेुलेशन एंड टेस्टिंग पर बोलते हुए रिसर्च के विभिन्न सिद्धान्तों के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने रिसर्च में हाइपोथिसिस के निर्माण और उसके परीक्षण के तरीकों को भी स्टुडेंट्स के साथ साझा किया। दूसरे सेशन में प्रो. सिंह ने रिसर्च के प्रारूप, सैंपलिंग की तकनीकों और सैंपल साइज को निर्धारित करने के बारे में बताया।

उन्होंने बताया कि रिसर्च का प्रारूप हमारे शोध को दिशा प्रदान करता है। सैंपलिंग हमें सही आंकड़ों के चयन में सहायता प्रदान करता है। एफडीपी के तीसरे सत्र में यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ के डॉ. शैलेश कौशल ने रिसर्च में मेजरमेंट और स्केलिंग पर बोलते हुए नए स्केलिंग के विकास, डाटा कलेक्शन के तरीकों, डाटा के विभिन्न प्रकारों, प्रश्नावली के डिजाइन, ट्रांसफोर्मेशन एंड बैक ट्रांसफोर्मेशन ऑफ क्यूश्चनेयर, पायलट स्टडी आदि के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी।

अंतिम सत्र में डॉ. कौशल ने मेजरमेंट की रिलेबिलिटी और वैलेडिटी के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने डाइमेंसोनेलिटी के बारे में भी बताया। एफडीपी में लॉ कॉलेज के डीन प्रो. हरबंश दीक्षित, मेडिकल के वाइस प्रिंसिपल प्रो. एसके जैन, सीसीएसआईटी के प्रिंसिपल प्रो. आरके द्विवेदी, लॉ के प्रिंसिपल प्रो. एसके सिंह, फार्मेसी के प्रिंसिपल प्रो. अनुराग वर्मा, एफओई के वाइस प्रिंसिपल प्रो. पंकज गोस्वामी, फार्मेसी के वाइस प्रिंसिपल प्रो. पीयूष मित्तल, ज्वाइंट रजिस्ट्रार एल्युमिनाई प्रो. निखिल रस्तोगी आदि के अलावा दीगर कॉलेजों के एचओडी और फैकल्टीज भी मौजूद रहे।

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