टीएमयू में फॉरेंसिक स्टुडेंट्स साइंटिफिक अप्रोच से अपडेट

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज़ के फॉरेंसिक साइंस विभाग की ओर से फर्स्ट टाइम आयोजित फॉरेंसिक वीक प्रमाणः द प्रूफ ऑफ़ साइंस 2025 में एक्सपर्ट्स ने फॉरेंसिक के यूजी, पीजी स्टुडेंट्स, शोधार्थियों के संग-संग फैकल्टीज़ से परोक्ष एवम् अपरोक्ष रूप से अपने अनुभव साझा किए। फॉरेंसिक वीक के दौरान कोर्ट प्रोसेजेज़, स्पॉट मैनजमेंट और फॉरेंसिक साइंस की प्रैक्टिकल बारीकियां सिखाई गईं। टीएमयू लॉ कॉलेज के डीन प्रो. हरबंश दीक्षित का फॉरेंसिक साइंस के भविष्य और समाज में फॉरेंसिक साइंस की बढ़ती भूमिका पर विशेष व्याख्यान हुआ।
ऑटोप्सी- पोस्टमार्टम एग्ज़ामिनेशन, क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन, नुक्कड़ नाटक और मूट कोर्ट डिमॉन्स्ट्रेशन के जरिए स्टुडेंट्स फॉरेंसिक विज्ञान के विभिन्न आयामों से रूबरू हुए। गेस्ट एक्सपर्ट डॉ. प्रमोद डोडे ने वर्चुअल ऑटोप्सी एग्ज़ामिनेशन पर डिजिटल तकनीक और आधुनिक फॉरेंसिक पद्धतियों की गहन जानकारी दी। उन्होंने स्टुडेंट्स को पोस्टमार्टम प्रक्रियाओं में पारंपरिक और आधुनिक दृष्टिकोणों पर भी सघनता से समझाया। टीएमयू के डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन, चीफ प्रॉक्टर प्रो. एसके सिंह, एसोसिएट डीन एकेडमिक्स डॉ. अमित कंसल आदि ने फीता काटकर फॉरेंसिक वीक का शुभारम्भ किया।
क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन- सीएसआई में छात्रों ने घटनास्थल पर साक्ष्य संकलन और संरक्षण का अभ्यास किया। फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. सुनीत कुमार ने फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी-एफएसएल की मानक कार्यप्रणालियां पर अपने व्याख्यान में लैबोरेटरी की भूमिका, केस स्टडीज़ और गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली पर विस्तार से चर्चा की। फॉरेंसिक क्विज़ ने स्टुडेंट्स के ज्ञान, त्वरित निर्णय क्षमता और प्रतिस्पर्धात्मक भावना को उजागर किया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों- नृत्य, संगीत और नाट्य प्रस्तुतियों में फॉरेंसिक स्टुडेंट्स ने अपने हुनर का प्रदर्शन भी किया। फॉरेंसिक साइंस को मेडिसिन, लॉ, आईटी और साइकोलॉजी जैसे अन्य विषयों से जोड़ने पर गहनता से चर्चा की गई। फॉरेंसिक वीक के दौरान पैरामेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. नवनीत कुमार, डॉ. रूचि कांत, एचओडी श्री रवि कुमार, श्री राकेश कुमार, श्री अमित बिष्ट, श्री योगेश कुमार, श्री आकाश चौहान, सुश्री अंशिका श्रीवास्तव, सुश्री सौम्या त्रिपाठी, सुश्री अपूर्वा सिंह की गरिमामयी मौजूदगी रही। उल्लेखनीय है, यह वीक यूनिवर्सिटी की उस सोच का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत स्टुडेंट्स को केवल पुस्तकीय ज्ञान ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक दक्षता और सामाजिक जिम्मेदारी भी सिखाई जाती है।