रुद्रप्रयाग।भाजपा से निष्कासित होने के बाद डॉक्टर हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच पार्टी में उनका विरोध शुरू हो गया है। रुद्रप्रयाग जिला कांग्रेस महामंत्री शैलेंद्र गोस्वामी ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए प्रदेश अध्यक्ष व जिलाध्यक्ष को सौंप दिया है। कहना है कि पार्टी हाईकमान को 2016 की घटना को नहीं भूलना चाहिए, जिसमें हरक सिंह ने बगावत कर सरकार गिराई थी। उन्होंने प्रदेश में सिर्फ गलत राजनीति को बढ़ावा दिया है, जो सही नहीं है।
2012 में रुद्रप्रयाग विधानसभा से कांग्रेस के टिकट से विधानसभा पहुंचने वाले डा. हरक सिंह रावत ने 2016 में पार्टी से बगावत कर भाजपा का दामन थाम लिया था। अब, भाजपा ने उन्हें निष्कासित कर दिया है, जिससे वह पुन: कांग्रेस में शामिल होने के लिए दिल्ली में डटे हुए हैं। लेकिन रुद्रप्रयाग कांग्रेस में डा. हरक सिंह रावत का विरोध जोर पकडऩे लगा है। तीन दिन पूर्व केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने जहां पुरजोर हरक सिंह का विरोध किया था। वहीं, अब, जिला महामंत्री शैलेंद्र गोस्वामी ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफा की प्रति प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल व जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह बिष्ट को सौंप दी है। गोस्वामी का कहना है कि हरक सिंह रावत ने उत्तराखंड में राजनीति का मजाक बनाकर रख दिया है। जब मर्जी जहां से चुनाव लड़ा जाए और जब मर्जी जिस पार्टी में शामिल हो जाए, यह परिपाटी प्रदेश के लिए सही नहीं है। इससे, पूरे देश में उत्तराखंड की किरकिरी हो रही है। साथ ही वर्षेां से निस्वार्थ भाव से पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं का मजाक बन रहा है। इसलिए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है। दूसरी तरफ चर्चाओं का बाजार जोर पकड़ रहा है कि डा. हरक सिंह रावत को कांग्रेस भी केदारनाथ विस से प्रत्याशी बना सकती है। इन अटकलों के बीच पार्टी में तेजी रोष पनप रहा है, जो कभी भी विद्रोह के रूप में फूट सकता है। इधर, कांग्रेस जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह बिष्ट ने बताया कि जिला महामंत्री शैलेंद्र गोस्वामी ने इस्तीफा दिया है, जिसे अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। साथ ही अन्य कई पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने भी नाराजगी जताते हुए पदों से इस्तीफा देने की बात कही है। इस संबंध में प्रदेश अध्यक्ष व हाईकमान को अवगत करा दिया गया है। साथ ही पार्टीजनों से संकट की घड़ी में एकजुट होने को कहा गया है।