1981 के चर्चित लोक सभा उपचुनाव में हेमवती नंदन बहुगुणा को इंदिरा गांधी द्वारा लोक सभा में रोकने के लिए इंदिरा गांधी द्वारा गढ़वाल में हरियाणा पुलिस और देश के नामी गुंडों को तैनात करने के कारण , डी.एम. वी.पी. पांडे की रिपोर्ट के आधार पर मुख्यचुनाव आयुक्त श्याम लाल शकधर ने पूरे चुनाव को रद्द करके इतिहास रचा था। इस पर हेमवती नंदन बहुगुणा ने गढ़वाल की जनता के समक्ष कहा था की ‘इंदिरा मुझे जीतने नहीं देगी , और गढ़वाल मुझे हारने नही देगा।
इस तरह पहली बार देश के विपक्ष ने एक जुट होकर बहुगुणा का समर्थन किया। स्वयं अटल बिहारी वाजपेयी ने बहुगुणा से राजनीतिक मतभेद होते हुए भी उनके पक्ष में वोट करने की अपील की थी। उपचुनाव में पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा गांधी ने 38 जनसभाएं कर, उन्हे हराने की पूरी कोशिश की थी। किन्तु जननायक बहुगुणा 28000 मतों से जीत गए। इस उपचुनाव में बहुगुणा के समर्थन अधिवक्ता शंकर सिंह नेगी और पूर्व सांसद प्रताप सिंह नेगी ने भी जीत में प्रमुख भूमिका निभाई। दुर्भाग्यवश आज बहुगुणा की राजनीति विरासत को संभालने वाला उनके परिवार में भी दूर तक नहीं दिखाई देता। देश में लोहिया के बाद विपक्ष को एक जुट करने वाले एच.एन. बहुगना देश में मजबूत विपक्ष को खड़ा करने के लिए काम कर रहे थे। किन्तु कांग्रेस के भीतर चाकुकारो के कारण उनका यह सपना अधूरा रह गया। आज उनकी जयंती पर उन्हें शत शत नमन।
डॉ योगेश धस्माना