ऋषिकेश। इस साल किरन के लिए रक्षाबंधन का त्योहार खास था। वह अपने दोनों भाइयों को अपने गांव के घर में राखी पहनाने का संकल्प नहीं निभा पाई। वह इस बार रक्षाबंधन का त्योहार अपने दादा-दादी के साथ उस घर में मनाना चाहती थी, जहां वह पैदा हुए थे। लेकिन नियति को यह मंजूर नहीं था। किरन ने रक्षाबंधन से पहले अपने प्यारे दादा-दादी के साथ ऋषिकेश के एम्स अस्पमाल में दम तोड़ दिया। तीनों तंगली मशरूम खाने से बीमार होने के बाद एम्स में उपचार करा रहे थे।
टिहरी जिले के प्रतापनगर विकासखंड के ग्राम शुक्री के निवासी सुंदरलाल की पोती किरन और उसनके दोनों भाई ऋषिकेश में पढाई करते थे। बडे भाई ने इसी वर्ष देहरादून मे एडमिशनलिया था। जबकि किरने और उसके छोटे भाई का एडमिशन इसी वर्ष केंद्रीय विधालय साडखांड मे करवाया गया था। किरन इन दिनों अपनी मा और दादा दादी के साथ शुक्री गांव मे थी। जबकि छाटा भाई अमन पंजाव अपने चाच चाची के साथ गया था। तीनों को रक्षाबंधन के त्योहार का बेसब्री सेइंतजार था,जब तीनों अपने गांव के घर की तैबारी में अपने दादा-दादी के सानिध्य में इस त्योहार को मनाने वाले थे। इससे पहले वह अपने भाईयों के हाथों राखी बांधती , लेकिन नियति का क्रूर खेल देखिये, उन्हीं भाइयों को उसे अंतिम विदाई देनी पड़ी।
गौरतलब है कि शुक्री गांव मे जंगली मशरूम खाने से दादा सुंदर लाल सेमवाल उम्र 60 वर्ष एवं दादी स्रीमती विमला देवी उम्र 55 वर्ष के साथ 11 वर्षीय किरन भी मौत के गाल में समां गई। ऐसे में पूरे गांव मे मातम छाया हुआ है। वह गांव में सबकी चहेती थी।
इस घटना पर प्रतापनगर के पूर्व विधायक विक्रम सिह नेगी ,ब्लाक प्रमुख पप्रदीप रमोला ,शुक्री की ग्राम प्रधान कविता कुड़ियाल, सामाजिक कार्यकर्ता सोदन कुड़ियाल, नगर पंचायत लंबगांव की अध्यक्ष भरासी देवी , भाजपा जिला मंत्री भान सिह नेगी , व्यापार मंडल अध्यक्ष युद्धवीर राणा, क्षेञ पंचायत सदस्य धीरेंद्र महर ,पुरूषोत्तम पंवार ,प्रधान चंद्रशेखर पैन्यूली ने दु:ख जताया और राज्य सरकार से पीडित परिजनों को उचित आर्थिक सहायता देने की मांग की है।