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भाषाएं देश के सांस्कृतिक इतिहास की आत्मा होती है: सत्येंद्र कुमार

हिन्दी विभाग की ओर से भाषा की आपसी साझेदारी को लेकर गोष्ठी आयोजित

राजकीय महाविद्यालय लंबगांव में हिंदी विभाग की पहल पर भाषिकी एंव छाञ – छाञाआें मे भाषाआें की आपसी साझेदारी विषय काे लेकर  विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाआें का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ प्रभारी प्राचार्य डा0 सत्येद्र कुमार पांडेय ने किया उन्हाेने कहा कि भाषाएं देश दुनिया के सांस्कृतिक इतिहास की आत्मा हाेती है जिसके लिए भाषा का संरक्षण एंव संवर्धन जरूरी है साेमवार काे महाविधालय परिसर मे प्रतियाेगिता संयाेजक डा0 विपिन कुमार शर्मा की देखरेख मे संपन्न हुयी निबंध प्रतियाेगिता मे करिष्मा रांगड प्रथम, कु0 मकानी दितीय, एंव शुशीला पंवार तृतीय रही जबकि कविता पाेष्टर मे कंचन रांगड प्रथम, मकानी दितीय एंव करिष्मा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया प्रतियाेगिताआें मे प्रथम दितीय एंव तृतीय रहे सभी प्रतिभागियाें काे हिंदी विभाग की आेर से शैक्षिक सामग्री देकर पुरूषकृत किया गया इस अवसर पर महाविधालय के प्राध्यापक  डा0 सुभम उनियाल, डा0 मयनी चाैधरी, डा0 अनुकृति बडाेला, डा0 अजीत राणा,ने भाषाआें के महत्व पर प्रकाश डालते हुये भाषाआें काे विधार्थियाें की रचनात्मकता के साथ जाेडने पर बल दिया  इस अवसर पर डा0 भरत राणा,डा0 अब्दुल बहाव,  डा0 रविंद्र लाल शाह, सरिता रावत, सुमन पंवार, दीपिका , अर्चना ,आदि माैजूद थे

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