देहरादून। टिहरी विधानसभा क्षेत्र के लिए सभी दलों में घमासान की स्थिति है। इस सीट पर कांग्रेस, भाजपा , उत्तराखंड जन एकता पार्टी, आम आदमी पार्टी के कई बड़े चेहरे टिकट की दौड़ में हैं।
भाजपा में वर्तमान विधायक धन सिंह नेगी सहित कई दावेदार हैं। जबकि उत्तराखंड जन एकता पार्टी से पूर्व मंत्री दिनेश धनै प्रत्याशी होंगे। कांग्रेस से पूर्व मंत्री किशोर उपाध्याय की चर्चा है। इसके साथ ही पहाड़ी पार्टी, आम आदमी पार्टी और उत्तराखंड क्रांति दल ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
भाजपा ने जहां कार्यकर्ताओं को प्रचार मे झोंक दिया है। वहीं उत्तराखंड जन एकता पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री दिनेश धनै तो पिछले चार-साढे चार सालों से लगातार जनता के बीच सक्रिय हैं। उत्तराखंड की राजनीति में एक जुमला प्रचलित है कि किसी को भी चुनाव जीता लेंगे, कौन सा कोई हमारा हल लगाएगा।इसी जुमले को साकार करते हुए दिनेश धनै तो इस बीच लोगों की रोपाई करने तक खेतों में पहुंच गए। लोगों से सीधा संवाद और लगातार सक्रियता उनके पक्ष को मजबूत करता है। हालांकि उनकी दिक्कत यह भी है किउन्हें अपनी पार्टी के दूसरे प्रत्याशियों के लिए भी समय निकालना पड़ेगा। लोगों के व्यक्तिगत स्तर पर काम कराने से वह लोकप्रिय भी हैं। अपने पूर्व के कार्यकाल में कई विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने का भी उन्हें श्रेय है।
भाजपा बड़ी पार्टी होने के नाते वहां टिकट के दावेदारों की संख्या भी सर्वाधिक है। भाजपा में डॉ धन सिंह नेगी (वर्तमान विधायक)सहित पूर्व प्रमुख खेम सिंह चौहान, जीत राम भट्ट, डॉ प्रमोद उनियाल और सोना सजवाण जिला पंचायत अध्यक्ष टिकट के दावेदारों में माने जा रहे हैं। इनमें खेम सिंह चौहान पूर्व में भाजपा से एकबार चुनाव लड़ चु़के हैं। जबकि जीत राम भट्ट ने निर्दलीय और प्रमोद उनियाल ने बसपा के टिकट पर पहले भी विधानसभा का चुनाव लड़ा था। भाजपा के बड़े चेहरे ज्योति गैरोला ने भले ही अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है। बावजूद इसके वह पार्टी के बड़े रणनीतिकारों में माने जाते हैं। यदि वह टिकट की दावेदारी करेंगे, तो पार्टी के सामने संकट की स्थिति हो जाएगी।
कांग्रेस में दो बार टिहरी से विधायक रह चुके किशोर उपाध्याय इस बार भी दावेदार हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे चुके किशोर उपाध्यय की राजनीति में अच्छी पकड़ मानी जाती है। सौम्य स्वभाव एवं क्षेत्र के विकास के लिए बड़ी आधारभूत योजनाएं बनाना उनकी पकड़ को दर्शाता है। अपने पूर्व कार्यकाल में उन्होंने टिहरी को बड़ी सौगातें दी थी। हालांकि क्षेत्र में अधिक सक्रिय न होना और लोगों के व्यक्तिगत काम न करना उनकी कमजोरी है। हालांकि वह टिकट जहां से चाहें, वहांसे पा सकते हैं। किशोर उपाध्याय का राज्य एवं टिहरी के हितों को लेकर लगतार आवाज उठाना उनका मजबूत पक्ष माना जाता है। वैसे कांग्रेस में नरेंद्र रमोला , भिलंगना के पूर्व प्रमुख विजय गुनसोना और आकाश कृषाली भी दावेदार हैं। आकाश कृषाली की पत्पी सीमा कृषाली वर्तमान में पालिकाध्यक्ष हैं। उन्हें आकाश ने निर्दलीय ही जीत हासिल करवा कर जनता के बीचअपनी पकड़ दिखाई थी।विजय गुनसोना जिले के सबसे बड़े विकासखंड भिलंगना के प्रमुख रहे हैं। वह छात्र संघ के भी अध्यक्ष रहे। युवाओं में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है।
उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र के मुद्दों को लेकर सक्रिय पहाड़ी पार्टी से त्रिलोक नेगी का टिकट पक्का माना जा रहा है। आम आदमी पार्टी से अवतार सिंह राणा दावेदार हैं। वह पहले भी विधानसभा का चुनाव लड़चुके हैं। वहीं दो बार नगर पालिका अध्यक्ष रहे पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और राज्य आंदोलनकारी उमेश चरण गुसाईं भी आम आदमी पार्टी से टिकट के दावेदार हैं। उनकी शहर में अच्छी पकड़ मानी जाती है। उत्तराखंड क्रांति दल में अभी टिकट को लेकर किसी खासनाम की चर्चा नहीं है। बावजूद इसके वीरेंद्र उनियाल उत्तराखंडी और युवा नेता विजय पंवार को टिकट के दावेदारों में गिना जा रहा है। टिकट की इस दौड़ में देखना है कि कौन नेता बाजी मारकर जनता के बीच पहुंचता है।