उत्तराखंडसामाजिक

मॉडल विलेज की श्रृंखला बनाकर रोका जा सकता है पलायन

कोलकाता की सावाना खातून टिहरी जिले की सकलाना पट्टी में कर रही है इस पर काम

देहरादून।  जिला टिहरी मे रहते हुए दो हजार अट्ठारह से लेकर लेकर 2022 तक किए गए शोध ; पर्यावरण इंजीनियर  सावाना  खातून  जी,  जो कि अभी सावाना विली  एसोसिएशन का मुख्य कार्य कर्ता  है,  उन्होंने  शोध पर पाया कि सकलाना  पट्टी  गांव पर, घेना  से ले कर  उनियाल गांव एवं मठियांण गांव तक, जहां शोध कार्य के ऊपर निर्भर कर पर्यटक के लिए एक मॉडल विलेज बना  सकती  है।  जिसके लिए पूरा उत्तराखंड वासियों से आवेदन है कि मॉडल विलेज बनाने की आर्थिक सहायता के लिए हाथ बढ़ाएं और उत्तराखंड   प्रशासन  से अनुरोध है कि गांव वाले को प्रशिक्षण देने के लिए आर्थिक सहायता क़ि लिए  हाथ बढ़ाएं जाए।
   सावाना विली एसोसिएशन “विली विला” टेक्नोलॉजी कि पैकेज डिजाइन  किया है। इस टेक्नोलॉजी के जरिए गांव को सब्जी करण करेंगे।  जहां गांव के हर घर मिट्टी का ब्लॉक से बना घर होगा,  मिट्टी का फ्रिज, ग्रीन कुकिंग,  सुखा टॉयलेट, रेत-गीट्टी का वाटर फिल्टर गांव में सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट,  गंदे पानी का शुद्धिकरण पौधे का जड़ के जरिए,  बारिश का पानी का संरक्षण,  जैविक और देसी प्रजाति का बीज उपयोग के साथ ऑर्गेनिक खेती और सब्जी उगाने का पारंपरिक टेक्नोलॉजी का उपयोग,  सोलर लाइट, सोलर वाटर हीटर का सुविधा उपलब्ध रहेगा,  इस सुविधा को प्रदान करते हुए, नया नया मॉडल विलेज बनेंगे।  उस मॉडल विलेजस को ऑनलाइन वेबसाइट बनाकर ग्लोबल मार्केटिंग करेंगे एडुटूरिज्म के लिए।  भारतीय विद्यार्थियों और विदेशी विद्यार्थियों यहां आकर प्रशिक्षण लेंगे,विलेज शोध कार्य परियोजना  रिसर्च मार्केटिंग पर।  सावाना विली एसोसिएशन की तरफ से  3 प्रशिक्षण प्रणाली लॉन्च किये  जायेंगे, 2023 की दीपावली के बाद।  गांव वालों के लिए 1 साल की प्रशिक्षण प्रणाली है।  और विद्यार्थियों के लिए दो प्रशिक्षण प्रणाली है। गांव वालों के लिए प्रशिक्षण प्रणाली उत्तीर्ण होने वाले को “विली फ्रेंड” कहां जाएगा। विद्यार्थियों के लिए प्रथम 1 साल की प्रशिक्षण प्रणाली को “एडवांस प्रशिक्षण प्रणाली” एवं 2 साल की प्रशिक्षण प्रणाली को “एक्सक्लुसिव  प्रशिक्षण प्रणाली” कहां जाएगा।  गांव वालों के लिए जो प्रशिक्षण प्रणाली है उसमें उत्तीर्ण होने वाले को 3 महीने के लिए छोटा छोटा परियोजना दिया जाएगा।  और विद्यार्थियों के लिए एक्सक्लुसिव प्रशिक्षण प्रणाली को उत्तीर्ण होने के बाद 6 महीना के लिए विलेज  परियोजना दिया जाएगा, विलेजस की सज्जी करण के लिए: फ्रेंचाइजी मॉडल के  जरिए।  और विद्यार्थियों के लिए उनके अतिरिक्त आर्थिक उपार्जन के लिए मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाएगा।
 डॉक्टर कुसुम अरुणाचलम  जी जिन्होने अभी दून यूनिवर्सिटी में   एच ओ डी कीं पोस्ट पर कार्यरत है,  स्कूल ऑफ एनवायरमेंट  एंड नेचुरल रिसोर्स  के  डिपार्टमेंट में,  जिन्होंने सावाना खातून जी को एम टेक  की उच्च शिक्षा के लिए सहायता किए थे और भोजन के लिए भी सहायता किए थे,  उनके लिए सावाना  खातून जी  तहे दिल से आभार व्यक्त किया है।  सावाना जी  ने उनको “धर्म माता”  जी की सम्मान से सम्मानित किए हैं। सावाना खातून जी कुसुम अरुणाचलम जी  कीं मातृ स्नेह प्रदान करने के  लिए उनके ऊपर जीबनस्थित काल आभारी रहेंगे। इनके उपरांत उन्होंने 2018 से लेकर 2022 तक की सावाना   जी  की जीवन संघर्ष में भी  सहायता किया। इस शोध की लिए सकलानावासिओ भी सावाना जी को जीबन जीनेकी साधन दे कर जीबित रख्हा। इसलिए सावाना  जी सकलाना वासियों का दिल से जीवन स्थित काल अवधि आभारी रहेंगे।
गांव वालों की ट्रेनिंग और विद्यार्थियों का प्रशिक्षण के लिए आर्थिक सहायता और एडुटूटिस्म  की मॉडल विलेज बनाने की लिए आर्थिक और प्रशिक्षण उपकरण की  संसाधन की सहायता  जरुरत हैं। उसके लिए आप सभी उत्तराखंड की संपन्न व्यक्ति   आगे  आये, और एडुटूरिस्म को आगे बढ़ावा दे कर देश की और उत्तराखंडवासिओं  को जादासे जादा रोजगार देनेकी लिए सहायता करियें । आप सभी  गांववाले गोष्ठी बना कर सम्पर्क करें सावाना विली एसोसिएशन से।  ज्यादा जानकारी के लिए संपर्क करें  9831 40 3571
और ईमेल आईडी : saavaanavilliassociation@gmail.com

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