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ऋषिकेश । अंगदान के प्रति आम लोगोें को प्रेरित करने के उद्देश्य से एम्स ऋषिकेश में शनिवार को जनजागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान दूसरों का जीवन बचाने हेतु 25 लोगों ने स्वेच्छा से अंगदान करने का संकल्प लिया।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर( डॉ.) मीनू सिंह के मार्गदर्शन में ओपीडी ब्लॉक स्थित एडवांस यूरोलॉजी सेंटर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अंगदान करने हेतु जनजागरुकता के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डा. मीनू सिंह ने कहा कि अंग प्रत्यारोपित व्यक्ति के जीवन में अंग दान करने वाला व्यक्ति ईश्वर की भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि यह दिन दूसरों के जीवन का उत्थान करने के लिए अंगदान के संकल्प हेतु हमें एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि समाज को जागरूक कर हमें यह मिथक तोड़ना होगा कि अंगदान करने से अगले जन्म में विकार पैदा हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें चाहिए कि हम आम लोगों को अंगदान की जरूरत के बारे में विस्तृत तरीके से समझाएं और अंगदान करने के प्रति लोगों में हिचकिचाहट दूर कर उन्हें अंगदान करने के लिए प्रोत्साहित करें।
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कार्यक्रम में नर्सिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा पोस्टर प्रदर्शनी के माध्यम से रोगियों और उनके तीमारदारों को अंगदान करने हेतु जागरूक कर उन्हें विस्तार से समझाया गया। मूत्ररोग विभाग, गुर्दा रोग और कॉलेज ऑफ नर्सिंग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान प्रिंसिपल कॉलेज ऑफ नर्सिंग डॉ. स्मृति अरोड़ा, यूरोलॉजी विभाग के डॉ. विकास पंवार, नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. संदीप सैनी, गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉ. निर्झर राकेश, चीफ नर्सिंग ऑफिसर रीटा शर्मा, डॉ. हर्षित, डॉ. गौतम व नर्सिंग अधिकारियों सहित 150 से अधिक मरीज और उनके तीमारदार मौजूद थे।