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पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन, NMOPS, उत्तराखंड के प्रांतीय अध्यक्ष श्री जीत मणि पैन्यूली प्रांतीय महामंत्री इं मुकेश रतूड़ी प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष इं जगमोहन सिंह रावत प्रांतीय कोषाध्यक्ष इं शांतनु शर्मा ने उत्तराखंड सरकार के वित्त मंत्री श्री प्रेम चंद्र अग्रवाल के राज्य में पुरानी पेंशन बहाल न किए जाने तथा पुरानी पेंशन बहाली को केंद्र का विषय बताये जाने के बयान की कठोर भर्त्सना की है । NMOPS के प्रांतीय पदाधिकारियों द्वारा संयुक्त बयान में कहा गया कि उत्तराखंड के 90000 से अधिक अधिकारी कर्मचारी शिक्षक विगत 4 वर्षों से NMOPS के बैनर तले विभिन्न मंचों माध्यमों से पुरानी पेंशन बहाल किए जाने की मांग करते आए हैं । देश में जहां अन्य राज्यों जैसे राजस्थान, छत्तीसगढ़ , झारखंड , पंजाब एवं हिमाचल में NMOPS के संघर्ष के कारण पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है वही तथाकथित डबल इंजन की सरकारें अधिकारी कर्मचारी शिक्षकों के सामाजिक सुरक्षा एवं स्वाभिमान से जुड़े इस महत्वपूर्ण प्रकरण पर नकारात्मक रुख अपनाए हुए हैं । NMOPS इस तरह के बयान की निंदा करता है और अन्य राज्यों की भांति उत्तराखंड में भी अति शीघ्र पुरानी पेंशन बहाली की मांग करता है । पेंशन देने का विषय पूरी तरह राज्य सरकार के अधीन है इसको केंद्र के अधीन बताना कर्मचारियों के अधिकार पर कुठाराघात करना है इसी कर्म में 16 अप्रैल 2023 को देश के सभी जिला मुख्यालयों में NMOPS पेंशन संवैधानिक मार्च का आयोजन करने जा रहा है जिसमें बड़ी संख्या में अधिकारी कर्मचारी शिक्षक प्रतिभाग करेंगे । उत्तराखंड के 50 से अधिक मान्यता प्राप्त कर्मचारी शिक्षक संगठनों का NMOPS के इस कार्यक्रम को अपना समर्थन दिया हुआ है, जून माह में पेंशन रथ यात्रा पूरे देश में आयोजित की जाएगी और उत्तराखंड आने पर इस यात्रा का भव्य स्वागत किया जाएगा और अधिक से अधिक कर्मचारी शिक्षकों को इससे जोड़ा जाएगा ।.1 अगस्त से 9 अगस्त के बीच समस्त सांसदों के घर पर पेंशन घंटी बजाओ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा और 1 अक्टूबर 2023 को दिल्ली में पूरे भारतवर्ष की विशाल ऐतिहासिक रैली आयोजित की जाएगी, जिसमें उत्तराखंड के हजारों अधिकारी कर्मचारी शिक्षक प्रतिभाग करेंगे।
पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन NMOPS के प्रांतीय अध्यक्ष श्री जीत मणि पैन्यूली ने कहा कि आज कोई भी संस्थान या विभाग आर्थिक घाटे में जाता है या बताया जाता है तो उसका खामियाजा सबसे पहले समूह ख ग घ के अधिकारी कर्मचारी शिक्षकों को उठाना पड़ता है जबकि उसी विभाग या संस्थान से जुड़े माननीय मंत्री गणों या सचिव स्तर के अधिकारियों को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं उठाना पड़ता है बल्कि उन्हें और सुविधाओं से नवाजा जाता है । जहां कर्मचारी 30 से 40 साल सरकारी सेवा करके सरकार की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने का काम करता है वही उसे 60 वर्ष की उम्र में पेंशन विहीन कर दिया जाता है और कोई भी तथाकथित अर्थशास्त्री जो कि स्वयं पुरानी पेंशन ले रहा होता है इस बारे में कुछ नहीं कहता कि 60 वर्ष की उम्र के बाद इस कर्मचारी का भरण पोषण कैसे होगा जबकि हमारे राजनेताओं को एक नहीं चार चार पेंशन दी जाती है और कोई भी अर्थशास्त्री इस पर प्रश्नचिन्ह नहीं उठाता है की यह देश के ऊपर कितना बड़ा बोझ है । जहां कर्मचारियों को सेवा में रहते हुए 80000 100000 वेतन मिलता है वहीं सेवानिवृत्ति के बाद 1000 के ₹2000 रुपए पेंशन मिलने पर कर्मचारी अपने पारिवारिक दायित्वों का एवं अपने से जीवन का निर्वहन कैसे करेगा इसी को देखते हुए एनएमओपीएस लगातार लोकतांत्रिक ढंग से पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग करता आया है उत्तराखंड एनएमओपीएस के द्वारा महाराष्ट्र में श्री वितेश खांडेकर के नेतृत्व में चल रहे पुरानी पेंशन बहाली के आंदोलन को अपना समर्थन दिया गया । महाराष्ट्र के एनएमओपीएस के प्रदेश अध्यक्ष वितेश खांडेकर के नेतृत्व में 18 लाख से अधिक कर्मचारी शिक्षक पुरानी पेंशन बहाली को लेकर विगत 5 दिन से हड़ताल पर हैं , सरकार को कर्मचारियों की पीड़ा को समझना चाहिए और पुरानी पेंशन जैसे महत्वपूर्ण विषय को तत्काल लागू करना चाहिए । सरकार को ऐसी स्थिति पैदा नहीं करनी चाहिए जिससे मजबूर होकर कर्मचारी हड़ताल पर चला जाए इस अवसर पर प्रांतीय प्रवक्ता सूर्य सिंह पवार मीडिया प्रभारी मनोज अवस्थी , कीर्ति भट्ट , हर्षवर्धन जमलोकी, उर्मिला द्विवेदी , सुनील गुसाईं , प्रवेश सेमवाल , प्रवेश उनियाल , हेमलता कजालिया, रुचि पैन्यूली , पुष्कर राज बहुगुणा , अमित शेखर नेगी , चेतन प्रसाद कोठारी संतोष गड़ोई, इं अनिल पवार. इं मोहन सिंह, इं समीक्षा शर्मा आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।