उत्तराखंड

टीएमयू में एनडीएलआई की इन्नोवेटिव लर्निंग प्रैक्टिसेज़ पर ऑनलाइन वर्कशॉप

तीर्थकर महावीर यूनिवर्सिटी की सेंट्रल लाइब्रेरी के नॉलेज रिसोर्स सेंटर और आईआईसी की ओर से ऑनलाइन कार्यशाला में एनडीएलआई क्लब, आईआईटी खड़गपुर के वरिष्ठ प्रबन्धक श्री पार्थसेन गुप्ता ने की शिरकत

एनडीएलआई क्लब, आईआईटी खड़गपुर के वरिष्ठ प्रबन्धक श्री पार्थसेन गुप्ता ने कहा, भारतीय नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इण्डिया शिक्षण संसाधनों का एक आभासी भण्डार है। इसमें विभिन्न विषयों पर अलग-अलग शैक्षिक स्तर की लगभग 40 भाषाओं में करीब 11 करोड़ की शिक्षण सामग्री एक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। इस सामग्री को कोई भी किसी भी स्थान से प्रयोग कर सकता हैै, जिसमें प्रतिदिन शिक्षण सामग्री का अपडेट होती रहती है। श्री गुप्ता ने एनडीएलआई के उद्देश्य, भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने एनडीएलआई के विभिन्न प्रारूपों का विस्तृत और सजीव उदाहरण देते हुए, विभिन्न पाठ्यक्रमों के विषय, पाठ और संबन्धित शब्दावली खोजना, एनडीएलआई क्लब का बनाना और उसमें किसी कार्यक्रम को पंजीकृत करने के बार में विस्तार से चर्चा की। संस्था को एनडीएलआई में पंजीकृत करने के सभी बिन्दुआंे पर उदाहरण के साथ चर्चा की।

श्री पार्थसेन तीर्थकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद की सेंट्रल लाइब्रेरी के नॉलेज रिसोर्स सेंटर और आईआईसी के संयुक्त तत्वाधान में द नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया क्लबः ए गेटवे टू इन्नोवेटिव लर्निंग प्रैक्टिसेज़ पर आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि ऑनलाइन बोल रहे थे। संचालन टीएमयू की मुख्य पुस्तकालयाध्यक्षा डॉ. विनीता जैन ने किया। वर्कशॉप में सीसीएसआईटी से डॉ रूपल गुुप्ता, एग्रीकल्चर कॉलेज से डॉ कुसुम फासवान,लॉ कॉलेज से डॉ. डॉलचन्द औंर नर्सिंग कॉलेज से प्रोफंेसर जितेन्द्र शेखावत के संग-संग यूनिवर्सिटी के दीगर कॉलेजों से चार-चार स्टुडेंट्स ने वर्चुअली भाग लिया। वर्कशॉप में लाइब्रेरी की ओर से उप पुस्तकालयध्यक्ष डॉ. संजीव कुमार, डॉ. आलोक कुमार गुप्ता, श्री महेश सिंह, श्री पंकज कुमार आदि भी शामिल रहे।

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