उत्तराखंडराजनीति

भू माफियाओं पर कानूनी कार्रवाई न होने को लेकर विपक्षी दलों ने सौंपा ज्ञापन

देहरादून। आज कांग्रेस, CPI, CPI(M), उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, समाजवादी पार्टी, आल इंडिया किसान सभा, चेतना आंदोलन और अन्य संगठनों की और से सृष्टि मंडल शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल जी से मुलाकात की। सृष्टि मंडल ने ज्ञापन द्वारा आक्रोश जताया कि राज्य के शहरों में, और ख़ास तौर पर देहरादून में, प्रशासन कानून के आधार पर काम करने के बजाय एक तरफ माफियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और दूसरी तरफ आम लोगों को बिना क़ानूनी प्रक्रिया को पूरा कर बेदखली कर रही है। यहां तक कि सूचना के अधिकार के आवेदन द्वारा पता चला है कि नगर निगम के पास सरकारी ज़मीन बेचने वाले व्यक्तियों पर कार्रवाई के बारे में कोई जानकारी नहीं है।  साथ साथ में शुक्रवार को उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के योधवीर त्यागी जी की पत्नी की संपति को गैर कानूनी रूप से तोडा गया और आमवाला तरला, नागल गांव और अन्य क्षेत्रों में बिना क़ानूनी प्रक्रिया कर लोगों को बेदखल करने की प्रक्रिया की जा रही है।
सृष्टि मंडल ने मंत्री से निवेदन किया कि प्रशासन कानून के अनुसार ही कार्रवाई करे और किसी को बेघर न करे। मंत्री जी ने आश्वासन दिया कि विचार करने के बाद इन बिंदुओं पर कारवाई की जायेगी।
ज्ञापन सलग्न ।
सृष्टि मंडल में ऑल इंडिया किसान सभा के राज्य सचिव गंगाधर नौटियाल; CPI (M) के राज्य समिति सदस्य सुरेंद्र सजवान; उत्तराखंड परिवर्तन
पार्टी के योधवीर त्यागी; चेतना आंदोलन के विनोद बडोनी, शंकर गोपाल, राजेंद्र शाह और मुकेश उनियाल; और समाजवादी पार्टी के आलोक राय शामिल रहे। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उप अध्यक्ष मधुर दत्त जोशी शामिल नहीं हो पाए लेकिन ज्ञापन को समर्थन किया।
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सेवा में,
माननीय शहरी विकास मंत्री
उत्तराखंड सरकार
विषय:  देहरादून और अन्य शहरों में प्रशासन की ओर से गैर क़ानूनी कदम के विरोध हेतु
महोदय,
उत्तराखंड राज्य के शहरों में बन रही स्थिति के बारे में विपक्षी दलों, जन संगठनों और आम नागरिकों की ओर से हम आपके संज्ञान में दो गंभीर बात लाना चाह रहे हैं।
1) देहरादून और राज्य के अन्य शहरों में लोगों को गुमराह कर कुछ माफिया और अन्य प्रकार के लोग सरकारी ज़मीन को बेच रहे हैं। ऐसे घटनाएं बार बार सामने आने के बावजूद सरकार की ओर से कुछ चंद घटनाओं को छोड़ कर कोई कार्रवाई नहीं दिख रही है। यहाँ तक कि. राष्ट्रीय सहारा अख़बार में 26 नवंबर को आयी हुई खबर के अनुसार, जब सूचना के अधिकार के अंतर्गत देहरादून नगर निगम की ज़मीन को बेचने वालों पर हुई कार्रवाई का विवरण माँगा गया था, नगर निगम ने जवाब दिया कि “ऐसे सूचना धारित नहीं है”। बल्लूपुर में बन रहा हाईवे की जमीन को ले कर भी माफिया गरीब किसानों की ज़मींन को ले कर सक्रिय हो गए हैं लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बन कर बैठी हुई है।
2) लेकिन इस प्रकार की गत्तिविधियों पर रोक न लगाने के साथ साथ में बिना नियमित कार्रवाई कर गैर क़ानूनी  तरीकों से  लोगों को उजाड़ा जा रहा है। बिना उनको मौका दिए एक तरफ़ा कार्रवाई की जा रही है। हाल ही में 25 नवंबर को दून विहार जाखन में एक बुज़ुर्ग महिला गोमती त्यागी पत्नी योधराज त्यागी के घर को बिना नोटिस दे कर ध्वस्तीकरण कर दिया गया।  कुछ क्षेत्र जैसे देहरादून के नागल गांव और आमवाला तरला क्षेत्र में ज़मीन की स्थिति भी स्पष्ट नहीं है लेकिन एक तरफ़ा कार्रवाई कर इन लोगों को उजाड़ने की धमकी दी जा रही है। इस प्रकार की कार्रवाई गैर क़ानूनी होने के साथ साथ में पक्षपात और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है। इससे परिवारों को बेघर किया जा रहा है, लेकिन बड़े बिल्डरों और अन्य ताकतों पर अतिक्रमण पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
अतः महोदय, हम चाहते हैं कि प्रशासन कानून के अनुसार ही कार्रवाई करे।  बड़े भू माफियों पर कार्रवाई कर साथ साथ सरकार किसी को बेघर न करे और बल्लूपुर हाईवे पर हो रहा भू अधिग्रहण को ठीक से कर दे।  खास तौर पर गैर क़ानूनी तरीकों से घरों को उजाड़ा न जाये।
निवेदक
मधुरा दत्त जोशी, कांग्रेस
अशोक शर्मा, CPI
योद्धवीर त्यागी, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी
गंगाधर नौटियाल, ऑल इंडिया किसान सभा
सुरेंद्र सजवान, CPI (M)
विनोद बडोनी, चेतना आंदोलन
आलोक राय, समाजवादी पार्टी

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