उत्तराखंड

‘सामाजिक न्याय एवं प्रतिष्ठा के संदर्भ में डॉo भीमराव अंबेडकर ज़ी का योगदान’ विषय पर गोष्ठी का आयोजन

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय उत्तरकाशी के बीएड विभाग में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में ‘सामाजिक न्याय एवं प्रतिष्ठा के संदर्भ में डॉo भीमराव अंबेडकर ज़ी का योगदान’ विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. सविता गैरोला ज़ी, प्रो. देवदत्त पैन्यूली एवं डॉ. डी. के. सिंह विभागाध्यक्ष बीएड द्वारा डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन पुष्प अर्पित कर किया गया।

‘सामाजिक न्याय एवं प्रतिष्ठा के संदर्भ में डॉo भीमराव अंबेडकर ज़ी का योगदान’ विषय पर बीएड प्रशिक्षु स्वाति, नितिन, अंजलि, दीक्षा, शिवानी, करिश्मा ने गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त किये । इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. सविता गैरोला ज़ी ने उपरोक्त विषय पर बीएड प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा की अंबेडकर ज़ी के द्वारा दिखाए गये रास्ते के अनुसार उच्च शिक्षा प्राप्त कर हमें समाज की उन्नति में अपनी भूमिका का निर्वहन कराना चाहिये।

उन्होंने कहा है की शिक्षा ही समाज को बदलने का सशक्त साधन है। शिक्षा के द्वारा ही सामाजिक न्याय के उदेश्य को प्राप्त किया जा सकता है। इस अवसर पर बीएड समन्वयक प्रो. डी. डी. पैन्यूली ज़ी कहा की जब-जब समाज में कोई दोष उत्पन्न होता है तब-तब सृष्टि पर मानव के रूप में कोई दैवीय शक्ति जरूर उत्पन्न हो जाति है इसी संदर्भ में अंबेडकर ज़ी ने भी पिछड़े, अपवंचित वर्ग के उत्थान में अग्रणीय भूमिका निभाई। इस अवसर पर बीएड विभागाध्यक्ष डॉ. डी. के. सिंह ज़ी ने कहा कि शिक्षा प्राप्त करके ही व्यक्ति को समाज में सामाजिक न्याय एवं प्रतिष्ठा की प्राप्ति संभव हो सकती है। कार्यक्रम का संचालन बीएड प्रशिक्षु प्रतीक्षा उनियाल एवं एवं अनीशा पंवार द्वारा किया गया।

इस अवसर पर बीएड प्राध्यापक डॉ. आर. डी. नौटियाल, डॉ. चंद्रमोहन कोटनाला, डॉ. हरीश यादव, डॉ. दीपक भंडारी, डॉ. सुषमा एवं शिक्षणेत्तर कर्मी पूनम नेगी, गोपेश्वर प्रसाद भट्ट एवं समस्त बीएड छात्र -छात्राएं उपस्थित रहे ।

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