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यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए क्षमता और कौशल निर्माण कार्यशाला का आयोजन

शुक्रवार को आंतरिक शिकायत समिति, आईक्यूएसी, दून विश्वविद्यालय ने यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए क्षमता और कौशल निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का संचालन करने वाले विशेषज्ञ डॉ. पवन शर्मा (सदस्य, मानसिक स्वास्थ्य समीक्षा बोर्ड, राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण) थे। डॉ. पवन शर्मा ने दर्शकों के साथ बातचीत की, जिसमें फैकल्टी, फ्रंटलाइन वर्कर्स और यूनिवर्सिटी के छात्र शामिल हैं, स्टाफ और सपोर्ट स्टाफ शामिल हैं। उन्होंने सेक्स, यौन उत्पीड़न और इसे दूर करने की आवश्यकता के संबंध में वर्जित विषय पर विचार किया।

उन्होंने यौन उत्पीड़न और हमले के बीच अंतर पर चर्चा की। श्रोताओं में से स्वयंसेवकों की मदद से उन्होंने स्पष्ट किया कि क्या यौन उत्पीड़न माना जा सकता है और क्या नहीं। उन्होंने कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए यौन उत्पीड़न की रोकथाम (पीओएसएच) अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कार्यस्थल में आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) की भूमिका और जिम्मेदारियों पर चर्चा की। उन्होंने शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया और आईसीसी इसे कैसे सुलझाता है, पर चर्चा की। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. चेतना पोखरियाल और डॉ. सविता कर्नाटक ने किया। इस कार्यक्रम में डॉ. गजाला खान, सुश्री शुभ्रा कुकरेती, सुश्री अक्शा, सुश्री शेफाली और अंग्रेजी विभाग के शोधार्थियों ने भी भाग लिया।

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