बाजगी अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों ने डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
उत्तरकाशी- (मोहन राणा) बाजगी अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा ज्ञापन में कहा गया है की बाजगी समुदाय के लोगों को पेंशन और राज्य आंदोलनकारी का दर्जा दिया जाना चाहिए। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केन्द्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ विजेंद्र पोखरियाल ने कहा कि सरकार को चिन्हीकरण में सरलता लानी चाहिए जिससे राज्य निर्माण में भूमिका निभाने वाले सभी राज्य आन्दोलनकरियों का चिन्हीकरण हो सके साथ में कहा की सरकार को जिला अधिकारियों को आदेशित करना चाहिए हर जिले में एक जैसे मानकों के तहत चिन्हीकरण किया जाना चाहिए क्योंकि कुछ जनपदों में अखबार की कतरन से चिन्हीकरण किया गया पर पहाड़ी जिलों के साथ भेदभाव किया गया उत्तरकाशी में एक आन्दोलनकारी को समाचार कतरन से चिन्हीकरण नहीं किया गया जिसके कारण जनपद में कई बाजगी समुदाय के लोगों का चिन्हीकरण वंचित रह गए है जिसमे महिलाएं भी छूट गई थी जबकि हर आन्दोलन में महिलाओं सक्रिय भूमिका रहता चिन्हीकरण तो हूवा है पर मानकों के अनुसार काफी लोग छुट गए जिसमे बजगी समुदाय का कहना है कि उत्तराखंड राज्य बनने तक बाजगी समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है ।
गांव गांव से जब राज्य आंदोलन के लिए टोलिया आती थी तो सबसे पहले बाजगी समुदाय लोग सबसे आगे अपने ढोल दमोह नर्सिंगा लेकर आगे रहती थे। और उत्तराखंड की जनता को जागृत करते थे। इन्हीं लोगों की भागीदारी से भी और लगन और मेहनत से उत्तराखंड राज्य की प्राप्ति भी मिली । आज बाजगी अनुसूचित जाति समुदाय के लोग अपने आप को को ठगा महसूस कर रहे हैं। यह भी है कि बाजगी समुदाय लोगों ने आंदोलनकारियों की अगुवाई करते थे। इन लोगों ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन में भागीदारी की थी । मंगलवार को जिले के सभी ब्लॉकों की समुदाय के लोगों ने कलक्ट्रेट में आकर जिलाधिकारी के प्रतिनिधि उप जिलाधिकारी बृजेश तिवाड़ी के माध्यम से मुख्यमंत्री से मांग की है कि गरीबों की स्थिति को मध्य नजर रखते हुए बाजगी समुदाय के परिवारों को मान सम्मान देकर आंदोलनकारी का दर्जा व पेंशन दिए जाने की मांग की है। इस मौके पर देव ढोल सागर कलामंच बाजगी समुदाय के प्रदेश सतीश दास अध्यक्ष भाग्यान दास देवभूमि ढोल सागर के प्रवीन दास व समुदाय के लोग मौजूद थे।