रामचंद्र उनियाल स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय उत्तरकाशी छात्रों के हितों की धनराशि से भर रहा सरकार का खजाना।
बीते 3 शैक्षणिक सत्र में उत्तरकाशी महाविद्यालय द्वारा उत्तराखण्ड शासन उच्च शिक्षा को 81 लाख रुपय महाविद्यालय की विभिन्न छात्र मदों से खर्च ना कर पाने के करण वापस भेजना पड़ा है। एक तरफ छात्र छात्राएं पर्याप्त सुविधा ना मिलने के करण निराश है वही दूसरी और महाविद्यालय प्रसाशन लगातार पिछले 3 वर्ष से छात्र हितों की धनराशि जो की छात्र से शुल्क में वसूली जाती है ताकि छात्र हितों में वो धनराशि खर्च की जा सके परंतु महाविद्यालय का लाचार रवैया के करण छात्र हितों में खर्च होने वाली धनराशि सरकार के खजानो को भर रही है जो की सरासर छात्र हितों के साथ अन्याय है।
वर्ष 2020 में उत्तराखंड शासन उच्च शिक्षा द्वारा सभी राजकीय महाविद्यालय में छात्र हितों हेतू जमा होने वाली विभिन्न छात्र निधियों की धनराशि को वित्तीय वर्ष में खर्च होने के बाद बचने वाली धनराशि का 50 प्रतिशत 31 मार्च के पश्चात तत्काल शासन को भेजने हेतू शासनादेश जारी किया गया था तब से लगातार उत्तरकाशी महाविद्यालय छात्र हितों में प्रतिवर्ष जमा होने वाली धनराशि को शैक्षणिक सत्र में छात्र हितों में पुरी तरह खर्च नहीं कर रहा है जिस कारण लगातार बड़ी मात्रा में छात्र निधियों से धनराशि लगातार शासन को भैजी जा रही है। उत्तरकाशी महाविद्यालय पिछले 3 वर्ष में लगभग 81 लाख रुपय छात्रों के हित की धनराशि जो की छात्रों द्वारा ही शुल्क के माध्यम से जमा थी वापस बिना खर्च किये भैजी गई है जबकि छात्र छात्राएं लगातार बेहतर सुविधा हेतू संघर्ष करते नजर आ रहे है।
उत्तरकाशी महाविधालय को एक कुशल अनुभवी प्रचार्य की कमी पिछले कुछ वर्ष से लगातार खल रही है उत्तरकाशी का महाविद्यालय पुरे जनपद का एक मात्र पीजी स्तर का महाविद्यालय है साथ ही लगभग 3000 से अधिक छात्र संख्या वाला एक प्रतिष्ठित महाविद्यालय है जिसके बेहतर सकुशल संचालन हेतू एक बेहतर कुशल अनुभवी प्राचार्य की महाविद्यालय के छात्र हितों को मद्देनजर रखते हुए सख्त आवश्यकता है। लगातार छात्र हितों में उपयोग किये जाने वाली धनराशि का बिना उपयोग किये सरकार के खजानों में जमा होना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है जिस कारण छात्रों में महाविद्यालय प्रसाशन के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है। छात्र हितों हेतू विभिन्न निधियों में जमा धनराशि को छात्र हितों में समय पर खर्च करना महाविद्यालय प्रसाशन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है परंतु महाविद्यालय प्रसाशन इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का समय पर निर्वहन करने में विगत 3 वर्षों से असफल साबित हो रहा है जिसका खामियाजा समस्त छात्र छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है।