रोशनाबाद। 16 वर्षीय किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म के मामले में एडीजे/एफटीएससी न्यायाधीश कुसुम शानी ने आरोपी को दोषी पाते हुए 10 वर्ष की कठोर कारावास और 52 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र चौहान ने बताया कि एक नवम्बर 2016 को पथरी क्षेत्र में एक किशोरी लापता हुई थी। किशोरी के पिता ने पुलिस को सूचना दी थी। पुलिस ने आरोपी मोनू को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से पीड़िता को छुड़ाया था। पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि जब वह अपने घर पर काम कर रही थी। तभी गांव की एक महिला व युवक पीड़िता का मुंह दबाकर जबरन आरोपी मोनू के घर ले गए थे। जहां तीनों ने उसे बांध दिया था। मोनू व उसके साथी ने दुष्कर्म किया था। जबकि महिला घर के बाहर खड़ी हुई थी। पुलिस के वाहन की आवाज सुनकर उक्त महिला व युवक वहां से फरार हो गए थे। जबकि आरोपी मोनू को मौके पर ही पुलिस ने पकड़ लिया था। पीड़िता के पिता ने आरोपी मोनू पुत्र महेंद्र निवासी अंबेडकर बस्ती,ग्राम अंबुवाला पथरी के खिलाफ अपहरण कर दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। आरोपी युवक के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किए थे। सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता ने सरकार की ओर से 10 गवाह पेश किए। जबकि बचाव पक्ष ने तीन गवाह पेश किए।
राजनीतिक दबाव में छोड़ने का आरोप
पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने 164 सीआरपीसी के बयान में स्थानीय पुलिस पर आरोपी मोनू को पकड़ने के बावजूद राजनैतिक दबाव के चलते उसे छोड़ने की बात कही थी। पीड़ित पक्ष ने न्यायालय की शरण ली थी। विशेष न्यायालय ने पीड़िता के लिए बतौर प्रतिकर राशि के रूप में उचित आर्थिक सहायता के निर्णय की एक प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में भेजने व पीड़िता को उचित निर्धारण आर्थिक सहायता दिलाने के निर्देश दिए है।