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जोश, जज्बा और जुनून के संग टीएमयू में अखंड भारत का संकल्प

मंडलायुक्त अन्जनेय कुमार सिंह बोले, हर घर तिरंगा और मेरी माटी, मेरा देश सरीखे अभियानों का हिस्सा बनने के लिए टीएमयू को साधुवाद, कुलाधिपति सुरेश जैन ने उम्मीद जताई, युवाओं के बूते ही भारत दुनिया की पांचवीं से तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगी

ख़ास बातें
टीएमयू की तिरंगा यात्रा में बार-बार गूंजे राष्ट्रभक्ति नारे और तराने
पवेलियन की प्राचीर से आन-बान-शान के बीच हुआ ध्वजारोहण
नामचीन क्रांतिकारियों की तस्वीरों से स्टुडेंटस की हौसला अफजाई
तिरंगा कपड़े का टुकड़ा नहीं, स्वाभिमान का प्रतीक है: प्रो. दीक्षित

मुरादाबाद : जश्न-ए-आजादी के क्रम में तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी का कैंपस तिरंगे झंडों के रंगों में रंगा नज़र आया। तिरंगा यात्रा देशभक्ति के नारों और तरानों से सराबोर रही। हाथों में तिरंगा और लबों पर वंदे मातरम, भारत माता की जय, इंकलाब जिंदाबाद सरीखे नारे रहे। जोश, जज्बा और जुनून के बीच कुलाधिपति श्री सुरेश जैन और टीएमयू के आला अफसरों का अनुसरण करते हुए बार-बार हवा में लहराते झंडे, कतारबद्ध हजारों छात्र-छात्राओं की अनुशासित मौजूदगी अविस्मरणीय रही।

तिरंगा यात्रा में कुलाधिपति के दोनों छोर पर हाथों में नामचीन क्रांतिकारियों जैसे- सुभाष चंद्र बोस, सरदार बल्लभ भाई पटेल, लाला लाजपत राय, भगत सिंह, सरोजनी नायडू आदि की तस्वीरें प्रतिभागियों की हौसला अफजाई कर रही थीं।

बड़ी संख्या में यूनिवर्सिटी के हजारों स्टुडेंट्स इंडोर र्स्पोटस स्टेडियम में एकत्र हुए। यहीं से कुलाधिपति के नेतृत्व में तिरंगा यात्रा का शुभारम्भ हुआ। यह पैदल तिरंगा यात्रा फैकल्टी रेजीडेंस, मेडिकल कॉलेज, हॉस्टल्स, जिनालय, प्रशासनिक भवन से होते हुए पवेलियन पहुंचकर अखंड भारत आकृति में तब्दील हो गई।

जहां मंडलायुक्त श्री अन्जनेय कुमार सिंह, कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, लॉ कॉलेज के डीन प्रो. हरबंश दीक्षित ने सारगर्भित विचार साझा किए। इससे पूर्व पवेलियन की प्राचीर से मंडलायुक्त श्री अन्जनेय कुमार सिंह और कुलाधिपति श्री सुरेश जैन ने संयुक्त रूप से ध्वाजारोहण किया। झंडारोहण के संग-संग राष्ट्रगान हुआ भी हुआ। तिरंगा यात्रा के दौरान स्टुडेंट्स में सेल्फी लेने की होड़ रही। स्टुडेंट्स ने टैंक को भी अपने-अपने मोबाइल में कैद किया। तिरंगा यात्रा का संचालन श्री विपिन जैन और डॉ. माधव शर्मा ने किया। तिरंगा यात्रा डीन स्टुडेंट्स वेलफेयर प्रो. एमपी सिंह के संयोजकत्व में निकली।

बतौर मुख्य अतिथि मंडलायुक्त श्री आन्जनेय कुमार सिंह ने पवेलियन में पहुंची तिरंगा यात्रा में शिरकत करते हुए युवाओं से बोले, हमें इतिहास को जानने की दरकार है। इतिहास आलोचना का नहीं, बल्कि सीखने का विषय है। आजादी के 76 साल मुकम्मल होने की ओर हैं। सवाल यह है, आजादी से पूर्व क्या हुआ था?
बलिदान क्यों हुआ? हमारे पूर्वजों से क्या-क्या गलतियां हुईं हैं? ये प्रश्न हमारे लिए आत्ममंथन का विषय हैं। हमारा संविधान सर्वोपरि है। मार्गदर्शक है। बलिदानियों के सपनों का द्योतक है। संविधान बताता है, हम इस देश के मालिक हैं। संविधान की प्रस्तावना बताती है, हमें किस दिशा में आगे बढ़ना होगा? तिरंगा यात्रा में इतनी बड़ी संख्या में आप सबकी मौजूदगी इस बात की गवाह है कि आप सभी अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में सभी धर्मों के रंग समाहित हैं।

यह झंडा हमारी बुनियाद है। हमारी प्रतिज्ञा है। हमारा प्रतीक है। यह कभी नहीं झुकेगा, मतलब हम कभी नहीं झुकेंगे। क्षतिग्रस्त झंडा क्षतिग्रस्त समाज की ओर इंगित करता है, इसीलिए इसकी गरिमा का ख्याल रखना चाहिए। इस सच्चाई को नहीं नकारा जा सकता, हमें बांटा गया है। इस विभीषिका का दंश आज भी झेल रहे हैं। अब हम किसी भी कीमत पर नहीं बटेंगे। अंत में बोले, आप हर घर तिरंगा और मेरी माटी, मेरा देश सरीखे अभियानों का हिस्सा बने, आपको साधुवाद।

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन तिरंगे को आन-बान और शान का प्रतीक बताते हुए बोले, 1942 झंडा उठाने पर काला पानी सरीखी सजा हो जाती थी, लेकिन आज यह गौरव का प्रतीक है।

तिरंगा यात्रा को बड़ा दिन बताते हुए बोले, तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के हजारों हजार छात्र अखंड भारत के प्रतीक है। उन्होंने हाथों में तिरंगा लिए भारत की आकृति में एकत्र इस समूह को 140 करोड़ भारतीयों का प्रजेंटेशन बताया। उन्होंने उम्मीद जताई, हम आने वाली पीढ़ी को आत्मनिर्भर रूपी नया भारत देना चाहते हैं।

युवाओं को उनकी जिम्मेदारी का अहसास कराते हुए कहा, युवाओं के बूते ही भारत दुनिया की पांचवीं से तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगी। सीमाओं पर तैनात भारतीय सैनिकों की हौसला अफजाई करते हुए बोले, हम आज बेखौफ यह आजादी का जश्न मना रहे हैं। सेल्फी ले रहे हैं। राष्ट्रभक्ति में डूबे हैं। इन सबका श्रेय हमारे बहादुर सैनिकों को जाता है।

कुलाधिपति ने गलशहीद की 1857 की घटना का जिक्र करते हुए क्रांतिकारी मज्जू खां का भी भावपूर्ण स्मरण किया। तीर्थंकर महावीर कॉलेज ऑफ लॉ एंड लीगल स्टडीज़ के डीन प्रो. हरबंश दीक्षित बोले, यह तिरंगा केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं, बल्कि हमारे स्वाभिमान का प्रतीक है। जैसलमेर के 50 डिग्री से अधिक का तापमान हो या सियाचिन का माइनस 45 डिग्री का तापमान फिर भी हमारे सैनिक अपने कर्तव्य पर डटे रहते है, ताकि हम चैन और सुकून से रह सकते हैं।

तिरंगा यात्रा में कुलाधिपति श्री सुरेश जैन के संग-संग रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन, डीन स्टुडेंट्स वेलफेयर प्रो. एमपी सिंह, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. एनके सिंह, डेंटल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. मनीष गोयल, फार्मेसी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. अनुराग वर्मा, लॉ कॉलेज के डीन प्रो. हरबंश दीक्षित, निदेशक एचआर श्री मनोज जैन, टिमिट के प्राचार्य श्री विपिन जैन, निदेशक सीआरसी श्री विनीत नेहरा, संयुक्त कुलसचिव एआरसी प्रो. निखिल जैन, प्रो. मनोज राणा, प्रो. एके सक्सेना, डॉ. विनोद जैन, डॉ. कल्पना जैन, प्रो. रश्मि मेहरोत्रा, डॉ. रत्नेश जैन, डॉ. अशोक लखेरा, डॉ. अशोक कुमार सिंह, प्रो. सीमा अवस्थी, प्रो. नवनीत कुमार, प्रो. मनु मिश्रा, प्रो. श्योली सेन, डॉ. पंकज गोस्वामी, प्रो. जसलीन एम. आदि की गरिमामयी मौजूदगी रही।

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