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रोहित की फुर्ती चित करती है विरोधियों को

सार्थक कुड़ियल
देहरादून। देहरादून जिले के चकराता ब्लॉक के सारी गांव के खेतों में शौकिया तौर पर कबड्डी खेलने वाले रोहित के लिए अब यहां जुनून बन गया है। फुर्तीला रोहित खेल के मैदान में विरोधी खिलाड़ियों पर भारी पड़ता है। वह अपने खेल से विरोधियों को चारों खाने चित कर देता है। रोहित चाहता है कि वह एक दिन देश के लिए खेल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीते। उसके खेल के प्रशंसक भी यही चाहते हैं। गांव के खेतों से निकाला यह खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है।
रोहित नाम का अर्थ है सूर्य की पहली किरण। इसका अर्थ लाल हिरण भी होता है। कई बार कुलचे मारता हिरण घायल हो जाता है। बावजूद इसके वह फिर से कुलचे भरने लगता है। यही जज्बा कबड्डी के नेशनल स्तर के खिलाड़ी रोहित पर भी फिट बैठती है।रोहित कई बार कबड्डी खेलते हुए चोटिल हुआ ,कई बार पैरों में चोट लगी तो कई बार हाथों में भी। आंख मे भी चोट लगी बावजूद इसके हिरण की तरह कुलचे भरने वाला रोहित फिर फिर कबड्डी के मैदान में उतरता रहापांच बार स्टेट चैंपियनशिप खेली – 3 बार नेशनल चैंपियनशिप में भी प्रतिभाग किया।
20 से अधिक बार रोहित के फुरतीले गेम ने उनकी टीम को चैंपियन बनाया रोहित के हिस्से अब तक 50 ट्रॉफी और 100 मेडल आए हैं 10 से 15 बार वह बेस्ट प्लेयर ट्रॉफी के लिए चयनित हुए।रोहित की चैपलता उसे कबड्डी के मैदान में बड़ा खिलाड़ी साबित करता है। रोहित का कहना है कि चोट के कारण कई बार वह मैदान से बाहर रहा लेकिन उसके भीतर का खिलाड़ी बार-बार उसे मैदान में धकेलता रहा। उसका कहना है कि वह स्वयं को फिर से तैयार कर रहा है और उसकी कोशिश है कि अपने खेल के दम पर वहां राष्ट्रीय टीम में अपना स्थान बना सके।वर्तमान में वह ऋषिकेश की एक नामी कंपनी में काम करता है,लेकिन यह उसका विश्राम ही है। उसका लक्ष्य तो कबड्डी का एक बड़ा खिलाड़ी बनने का है। यही वजह है की नौकरी के साथ ही वह कबड्डी के मैदान के लिए भी अपने को तैयार कर रहा है।


उसे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में वहां भारतीय टीम का हिस्सा होगा। अब तक वहां जूनियर एवं सीनियर लेवल पर राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुका है।
रोहित के खेल की दीवानगी नया उत्साह भरती है जब वह खेल के मैदान में दूसरे खिलाड़ी को चित करता है तो दशकों में नया जोस उमड़ पड़ता है चारों तरफ रोहित रोहित के नारे गूंजते हैं उसके प्रशंसक चाहते हैं कि रोहित एक दिन देश की टीम का हिस्सा बने और वहां एशिया एवं ओलंपिक खेलों में देश के लिए स्वर्ण पदक जीते

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