सरकार की सतरंगी योजनाओं से खिल उठा बचपन
लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश के बच्चों के लिए बेहद ही संवेदनशील है। कोरोना काल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना काल में कोविड काल (मार्च 2020 से) में अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खोने वाले बच्चों के लिए बाल सेवा योजना की शुरूआत की। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से यूपी के बच्चों को सीधे तौर पर लाभ मिल रहा है। इस योजना के तहत अनाथ हुए बच्चों के भरण,पोषण, शिक्षा, चिकित्सा व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा गया है। बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा और सुविधाओं के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने इससे पहले बच्चों के साथ होने वाले शोषणों के विरूद्ध वृहद अभियानों का संचालन किया।
प्रदेश में बाल भिक्षावृत्ति रोकने व बाल भिक्षुओं को शिक्षित कर उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस विशेष अभियान को शुरू कर दूसरे राज्यों के समक्ष एक नजीर पेश की। कोरोना काल के समय बाल भिक्षुओं की संख्या में इजाफा होने के कारण सरकार ने बाल भिक्षुओं को शिक्षा की दिशा में प्रेरित करने और उनके माता-पिता को रोजगार देने का सराहनीय कार्य भी किया। इस अभियान से बच्चों का भविष्य संवर रहा है तो वहीं उनको सीधे तौर पर सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। प्रदेश में इस अभियान के तहत जबरन किशोर-किशोरियों से भिक्षावृत्ति कराने वाले लोगों पर कार्रवाई किए जाने से समाज में परिवर्तन देखने का मिल रहा है।
बाल सेवा योजना के तहत 4050 बच्चों को मिला लाभ
महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से अब तक 4050 को इस योजना से जोड़ इसका लाभ दिलाया जा चुका है वहीं 4700 पात्र बच्चों को चयनित किया जा चुका है। इसके साथ ही यूपी में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे लोगों के बच्चों के सम्मान, स्वावलंबन और सुरक्षा देने के लिए शुरू की गई स्पान्सरशिप योजना से यूपी के हजारों बच्चों को सीधा लाभ मिल रहा है। इस योजना के तहत गरीब तबकों के एकल, दिव्यांग अभिभावकों और अनाथ बेसहारा बच्चों को प्रतिमाह दो हजार रुपए देने का प्रावधान है। जिला स्तर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी डीपीओ, डीसीपीयू और बाल कल्याण समिति ग्राम पंचायत, ब्लॉक स्तर से आने वाले आवेदनों को स्वीकृत कर छह माह के भीतर बच्चों तक राशि पहुंचा रही है। इस योजना के तहत प्रदेश के अलग अलग जनपदों में 1009 बच्चों को इस योजना से लाभ दिलाया जा चुका है।
बाल श्रमिक विद्या योजना से खिली बच्चों के चेहरों पर मुस्कान
सरकार की बाल श्रमिक विद्या योजना से प्रदेश के बच्चों को सीधे तौर पर लाभ मिल रहा है। प्रदेश के जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए बाल श्रमिक विद्या योजना से जोड़ा जा रहा है। इस योजना से एक ओर बच्चों के अभिभावकों की काउंसलिंग कर उनको अपने बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर इन सभी बच्चों का दाखिला प्राथमिक विद्यालयों में कराए जाने से बचपन मुस्कुरा रहा है।