450 से अधिक छात्र संख्या वाला स्कूल, केवल पांच शिक्षक, सालों से नहीं सुधरी व्यवस्था
देहरादून: टिहरी जिले का जनता इंटर कालेज शिक्षकों के अभाव में डायलिसिस पर है। 450 से अधिक छात्र संख्या वाला यह स्कूल केवल पांच शिक्षकों के भरोसे है। प्रदेश के दो-दो मुख्यमंत्रियों ने इस स्कूल के प्रांतीयकरण का वादा तो किया, लेकिन लालफीताशाही के चक्र में यह सीएम की घोषणा में शामिल नहीं हो पाया। अधिकारियों का साफ कहना है कि घोषणा अनुभाग से इस पर हरी झंडी मिलने के बाद ही स्कूल के प्रांतीयकरण पर विचार किया जाएगा।
कुछ वर्षों पहले क्षेत्र के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने इस शर्त के साथ भाजपा ज्वाइन की थी कि सरकार मांजफ इंटर कालेज का प्रांतीयकरण करेगी। तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने इसका वायदा भी किया, लेकिन वह घोषणा धरातल पर नहीं उतर पाई। अब हाल में मौजूदा मुख्यमंत्री धामी ने भी मांजफ इंटर कालेज के प्रांतीयकर की सार्वजनिक रूप से घोषणा की।
इस क्रम में जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग ने अपनी संस्तुति शासन को रोज दी। शासन में बैठे अधिकारियों ने इसे सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय भार का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री की घोषणा में शामिल नहीं किया। प्रतापनगर के पूर्व विधायक विजय पंवार और मौजूदा विधायक विक्रम नेगी कई बार अधिकारियों से मिल चुके हैं। बावजूद इसके प्रांतीयकरण की कार्यवाही सीएम की घोषणा में शामिल नहीं हो पाई।
अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में इस प्रकरण को रखा जाएगा, उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। उधर, छात्रों का कहना है कि स्कूल का प्रांतीयकरण न होने और शिक्षकों की नियुक्ति न होने पर वह बोर्ड परीक्षा का बहिष्कार कर सकते हैं।
उधर स्कूल प्रबंधन समिति के द्वारिका प्रसाद भट्ट का कहना है कि स्कूल के प्रांतीयकरण से कोई अतिरिक्त व्ययभार नहीं पड़ेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री एवं शिक्षामंत्री से जनहित एवं छात्रहित में जल्द मांजफ इंटर कालेज के प्रांतीयकरण करने की मांग दोहराई है।