रुद्रप्रयाग। भाजपा से निष्कासित होने के डॉक्टर हरक सिंह रावत के अब कांग्रेस से केदारनाथ से चुनाव लड़ने की अटकलें जोर पकड़ने लगी हैं। लेकिन निवर्तमान विधायक मनोज रावत सहित पूरी पार्टी में उनका विरोध शुरू हो गया है। इन हालातों में रावत की राह कहीं से भी आसान नहीं है।
उत्तराखंड की राजनीति में अपनी खास पहचान रखने वाले डॉक्टर हरक सिंह रावत इन दिनों चर्चाओं का केंद्र बने हुए हैं। कोटद्वार से चुनाव लड़ने से इंकार के बाद उन्होंने पार्टी के सामने कई विकल्प रखे थे। लेकिन भाजपा ने उन्हें दो टूक केदारनाथ से चुनाव लड़ने को हरि झंडी दी। जिससे, केदारनाथ विधानसभा में पार्टी के अंदर उथल-पुथल सी मच गई थी। पार्टी के संभावित उम्मीदवारों में भी अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर स्वयं ही चर्चाएं तेज होने लगी थी।
स्थिति यह रही कि सभी भाजपाइयों ने देहरादून में ही डेरा डाल दिया था। इसी बीच बीते रविवार रात को भाजपा हाईकमान ने डॉक्टर हरक सिंह रावत को पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया। साथ ही सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें कैबनेट मंत्री पद से भी बर्खास्त कर दिया। अब, डॉक्टर हरक सिंह रावत कांग्रेस दरबार में गए हैं। वहां भी उन्हें 2016 के कृत्य की याद दिलाई जा रही है, जब उन्होंने हरीश रावत की सरकार गिराई थी। अब, इस विधानसभा चुनाव में डॉक्टर हरक सिंह रावत का राजनीतिक राह क्या होगी, यह सवाल हर किसी के मन में कौंध रहा है। चर्चा जोर पकड़ रही है कि कांगेस उन्हें केदारनाथ से प्रत्याशी बना सकती है। लेकिन जिस तरह से केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने हरक सिंह के विरोध में मोर्चा खोला है, उससे लगता है कि डॉक्टर हरक सिंह रावत की राह यहां भी आसान नहीं दिख रही है। पार्टी से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना है कि पैनल को नाम पहले से भेजे जा चुके हैं।