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टैक्सी यूनियन भटवाड़ी रोड़ के समीप अवैध कब्ज़ा करने के उपरांत यूनियन पदाधिकारियों/टैक्सी संचालकों व कब्ज़ाधारी रसुखदार कथित समाजसेवी के मध्य हुए विवाद उपरांत प्रशासन द्वारा पटवारी की जाँच आख्या मे उक्त कब्ज़ा की गई भूमि टैक्सी यूनियन के नाम निकली, जिस उपरांत कब्ज़ाधारी को अपनी हार माननी पड़ी।
बीते दिन बिभिन्न समाचार पोर्टल मे चली खबर का संज्ञान लेकर प्रशासन ने त्वरित जाँच कर कब्ज़ा हटाया जिस पर टैक्सी संचालकों ने राहत की सांस ली। कब्ज़ा हटने के बाद अब स्वाल ये उठता है कि अपने रसुख और कथित समाजसेवी का चौला ओढे ऐसे कब्ज़ाधारको पर प्रशासन कोई कार्यवाही भी करता है या कब्ज़ा के विरुद्ध प्रशासन की कार्यवाही केवल गरीब लोगों तक ही सीमित है? ऐसे कब्ज़ाधारियों द्वारा मांडों रोड पर भी बेहिसाब तारबाड़ की गई है जो इस कार्यवाही के बाद जाँच के लिए संदिग्ध है।