जो नशा बिकवाता है वो देश का दुश्मन है

रानीखेत, उत्तराखंड। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी (उपपा) के नेतृत्व में ‘नशा नहीं, रोज़गार दो’ अभियान के तहत रानीखेत में नुक्कड़ सभा आयोजित की गई। सभा में लोगों से नशे के हर स्वरूप के ख़िलाफ़ संघर्ष करने और रोज़गार को मौलिक अधिकार बनाने की अपील की गई।
आंदोलन के संयोजक और उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी.सी. तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड में बीते 25 वर्षों में बनी सरकारों ने राज्य की अस्मिता और मूल अवधारणा के साथ खिलवाड़ किया है। नतीजतन, हमारी कृषि व्यवस्था चौपट हो गई है, गांव खाली हो रहे हैं, और युवा बेरोजगार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारें सुनियोजित तरीके से नशे को बढ़ावा दे रही हैं, ताकि जनता का ध्यान पूंजीपतियों और माफियाओं द्वारा की जा रही लूट से हटाया जा सके।
उन्होंने कहा कि सरकार का नशा मुक्ति अभियान उतना ही खोखला है जितना उनका भू-कानून। उत्तराखंड की अस्मिता पर संकट मंडरा रहा है और गांव-गांव तक नशे का जाल फैलाया जा रहा है। ऐसे में प्रदेश के जागरूक समाज को आगे आकर इस साजिश के खिलाफ निर्णायक संघर्ष करना होगा।
सभा के दौरान उपपा ने लोगों से आह्वान किया कि वे माफियाराज और तमाम सामाजिक बुराइयों के ख़िलाफ़ एकजुट हों। आंदोलन से जुड़ी उछास की भावना पांडे ने कहा कि ‘नशा नहीं, रोज़गार दो’ आंदोलन के प्रमुख नारे—
1. जो नशा करता है, वह परिवार का दुश्मन है।
2. जो नशा बेचता है, वह समाज का दुश्मन है।
3. जो नशा बिकवाता है, वह देश का दुश्मन है।
— आज भी सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रासंगिक मार्गदर्शक सिद्ध हो रहे हैं।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने स्पष्ट किया कि राज्य के भविष्य और युवाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए यह संघर्ष जारी रहेगा।