उत्तराखंडसामाजिक

जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे नगुन पट्टी क्षेत्रवासी

विधान सभा क्षेत्र धनोल्टी की नगून पट्टी के दर्जनों गांवों के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में विकास की बाट जोह रहे हैं। जनपद उत्तरकाशी की सीमा से लगे टिहरी के ग्राम गोजमेर से लेकर घोन, घियाकोटी, विंदालकोटी, कांसी, मंजखेत, थिराणी,कोटीमहरुकी,क्यारी, नाला,अंधियारी, चापड़ा, बगों, मराड़,सिंजल,खट्ट, अगिंडा,भाल आदि दर्जनों गांवों के लोग नगून गाड़ में पुलिया न होने के कारण जान जोखिम में डालकर भी गहरी और संकरी नगून गाड़ को पार कर अपने अपने गांवों की दूरी पैदल ही तय कर रहें हैं।

क्षेत्र के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता ग्राम पंचायत मंजखेत के प्रधान और प्रधान संगठन टिहरी के जिलाध्यक्ष रविंद्र सिंह राणा ने इस संबंध में कई बार शासन प्रशासन से नगून गाड़ में पुलिया निर्माण के लिए लिखा- पढ़ी भी की, लेकिन अभी तक पुलिया निर्माण की बात आगे नहीं बढ़ पाई। गौरतलब है की मंजखेत से मौरियाणा और घियाकोटी से क्यारदा की चली तक लंबे समय से लंबित इन दोनों मोटर मार्गों के निर्माण न होने के कारण क्षेत्र के दर्जनों गांवों के ग्रामीणों खासकर स्कूली बच्चों, बुजुर्गों और प्रसूति महिलाओं को 18वीं सदी के जैसे पैदल ही 15 -20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है। चुनाव के ऐन वक्त नेता आजकल गांवों की दूरी तो तय कर रहें हैं, लेकिन जनमुद्दों से अधिकांश नेताओं को कोई सरोकार नजर नहीं आ रहा है। उक्त पुलिया के निर्माण न होने पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों व क्षेत्रवासी में भारी रोष व्याप्त है, देवचंद रमोला, रणवीर महर,मुकेश रावत,गंभीर पंवार, पुलम सिंह, सुमन सिंह, महिपाल सिंह, धर्मपाल, किरण चौहान आदि ने पुलिया निर्माण न होने पर गहरा रोष व्यक्त किया। पुनः रविंद्र राणा ने जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल को इस संबंध में पत्र भी प्रेषित किया है।

 

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