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नए नए प्राकृतिक  सन्साधनों से स्टार्ट अप   हो सकता है उत्तराखंड  रोजगार सृजन 

उत्तरकाशी।  प्लाटिका फाउंडेसन के भारतीय  ग्रामीण विकास अकादमी द्वारा आयोजित  एक स्टार्टअप कार्यशाला में फाउंडेशन के निदेशक डॉ अनूप बड़ोनी जी द्वारा कार्यशाला का उदघाटन किया  व्याख्याताओं का  स्वागत किया व कार्यशाला  में भारत के पंजाब,हरियाणा, बिहार,महाराष्ट्र जम्बू कश्मीर एवम गुजरात से आये Agri इंटर्नशिप के स्टूडेन्स को जानकारी दी कि किस प्रकार भारत  में स्टार्टअप किया जा सकता है इस कार्यशाला में  भारत के पंजाब,हरियाणा, बिहार,महाराष्ट्र जम्बू कश्मीर एवम गुजरात से आये विभिन्न 60 कृषि स्नातकों के इंटर्नशिप कार्यक्रम में राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय उत्तरकाशी के वनस्पति विज्ञान के विभाग प्रभारी  से डॉ एमपीएस परमार  द्वारा उत्तराखंड के  प्राकृतिक सनस्साधनों  द्वारा स्टार्टअप की  जानकारी दी व बताया कि यहां पर उगने वाली सभी वनस्पतियां औषधीय गुणों से भरपूर है जिसको कि स्टार्टअप इंडिया से जोड़कर आर्थिकी के साथ साथ पहचान दिला सकता है जिसमे यह का सतनाजा,बारहनाजा,हर्षिल राजमा,पुरोला का लाल धान,बागोरी वूल एवं आर्गेनिक वूल के उत्पाद  की बॉन्डिंग कर पहचान के साथ साथ रोजगार का जरिया बन सकता है । डॉ परमार द्वारा बताया कि उत्तराखंड में सतनाज जैसे मंडवा,झंगोरा,चिणा, किनोआ, जई, जो मका , लाल चावल,हर्षिल राजमा ,नीटले लीफ आज भी  ऑनलाइन मल्टी नेशन कम्पनियां बेच रही है जबकि उत्पादन यहीं होता है बाहरी ट्रेडर बल्क में बहुत कम दामों में लेजाकर ऑनलाइन में अच्छे दाम कमा रही है जबकि ये काम अब हम कर सकते हैं /
वहीँ महाविद्यालय के द्वितीय वक्ता के  रूप में भूगोल विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ बचन लाल जी ने उत्तराखंड में Eco Tourism, एग्रो टूरिज्म एवम पर्यटन संसाधन जिनमे धार्मिक, प्राकृतिक सांकृतिक , साहसिक पर्यटन संसाधनों  के संरक्षण एवं उपयोग पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। प्लाटिका फाउंडेसन के निदेशक डॉ अनूप बडोनी जी के द्वार आये  व्याख्याताओं का आभार व्यक्त किया
भारत के विभिन्न राज्यों से आये Agri Graduate को स्टार्टअप हेतु प्रेरित किया ।

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