उत्तराखंडशिक्षा

मांगल गीतों के साथ हुआ उत्तराखंड महोत्सव का शुभारंभ

मांगल गीत और भाषण प्रतियोगिता में करिश्मा रही प्रथम

प्रतापनगर। फूल सिंह बिष्ट राजकीय महाविद्यालय लम्बगांव में उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस समारोह के उपलक्ष्य में एक सप्ताह तक चलने वाले उत्तराखंड महोत्सव का शुभारंभ मांगल गीतों के साथ हुआ।

 

कार्यक्रम के प्रथम दिवस में महाविद्यालय में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ जिसमें मांगल गीत प्रतियोगिता, लोकगीत प्रतियोगिता एवं भाषण प्रतियोगिता आदि का आयोजन हुआ। उत्तराखंड की लोक संस्कृति, राज्य आंदोलन की वैचारिक विरासत और उत्तराखंड का सांस्कृतिक वैभव इस उत्सव का केंद्रीय विषय रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य ने दीप प्रज्वलित कर किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर हितेश कुमार जोशी ने राज्य के विकास के लिए छात्र छात्राओं को आगे आने एवं उत्तराखंड के ऐतिहासिक व्यक्तित्वों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए महाविद्यालय की साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद की संयोजिका डॉक्टर सुनैना रावत ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत, भाषा एवं बोली, लोक मान्यताओं के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु छात्र छात्राओं को आगे आने का आवाहन किया।

 

मुख्य अतिथि पुस्तकालय अध्यक्ष मुकेश रमोला ने उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन की पृष्ठभूमि एवं वर्तमान परिदृश्य पर प्रकाश डाला। निर्णायक मंडल की भूमिका में प्रतिभागियों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए डॉ शुभम उनियाल ने छात्र छात्राओं से राज्य के सामाजिक सांस्कृतिक एवं आर्थिक विकास के लिए अपनी भूमिका सुनिश्चित करने का आह्वान किया और उनके सर्वांगीण विकास के लिए सांस्कृतिक मंच पर बढ़ चढ़कर प्रतिभाग करने हेतु प्रेरित किया।

मांगल गीत प्रतियोगिता में करिश्मा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया एवं द्वितीय स्थान कुमारी किरन ने प्राप्त किया। लोकगीत प्रतियोगिता में रितांशी, श्वेता, कंचन, शालू एवं स्मृति की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।भाषण प्रतियोगिता में कुमारी करिश्मा प्रथम स्थान पर, सूरज पंवार एवं शिक्षा रावत द्वितीय स्थान पर और शीतल रावत ने तृतीय स्थान पर रहे।

कार्यक्रम में डॉ विपिन शर्मा, डॉ भरत सिंह राणा, डॉ भरत सिंह चुफाल, धनेश उनियाल, अजीत राणा, डॉ अमिता, डॉ मनवीर कंडारी, बलबीर चौहान, श्रीमती मयनी, लोकेश, मकान, श्रीमती मधु, सोबन, बलवीर सिंह बिष्ट, प्रदीप रावत, दीवान, विपिन, प्राची, पिंकी, उत्तरांचली आदि उपस्थित रहे।

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