इस साल शुरू होने जा रही चारधाम यात्रा में वीआईपी दर्शनों के लिए शुल्क चुकाना पड़ सकता है। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) नई व्यवस्था शुरू करने जा रही है। बीकेटीसी की ओर से नामित चार शोध दल देश के प्रतिष्ठित मंदिरों की व्यवस्थाएं देखेंगे और रिपोर्ट मंदिर समिति को देंगे। दल 13 फरवरी को रवाना हो जाएंगे। रिपोर्ट के आधार पर शासन से परामर्श के बाद चारों धामों में दर्शनों के लिए पहली बार एसओपी जारी की जाएगी।प्रदेश में चारधाम यात्रा के तहत खासकर बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर में वीआईपी दर्शनों को लेकर अकसर सवाल उठते हैं।
तमाम वीवीआईपी के अलावा हेली सेवा से आने श्रद्धालुओं को पहले दर्शन कराए जाते हैं। इससे कई बार मंदिर समिति और जिला प्रशासन को आम श्रद्धालुओं की नाराजगी का सामना करना पड़ता है। जबकि मंदिर समिति को इससे कोई अतिरिक्त आय अर्जित नहीं होती है। इसको देखते हुए इस बार व्यवस्था में परिवर्तन किया जा रहा है। बीकेटीसी की ओर से देश के प्रतिष्ठित मंदिरों तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर, आंध्र प्रदेश, वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू, श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन, सोमनाथ मंदिर, गुजरात में मंदिर समिति के सदस्यों के चार दल चारों मंदिरों की व्यवस्थाओं के अध्ययन के लिए भेजे जा रहे हैं। प्रत्येक दल में दून यूनिवर्सिटी के एक शोध छात्र को भी शामिल किया गया है। बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि सभी दल 13 फरवरी को रवाना हो जाएंगे। रिपोर्ट के आधार पर वीआईपी दर्शनों के लिए शुल्क निर्धारित किया जाएगा।चारधाम यात्रा के दौरान मंदिरों में व्यवस्थाएं संभालने वाले बीकेेटीसी के कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड लागू किय जाएगा। बीकेटीसी ने इसका प्रस्ताव पास किया है। पहले कर्मचारियों को मात्र एक जैकेट उपलब्ध कराई जाती थी, लेकिन इस बार कर्मचारी फुल ड्रेस में नजर आएंगे। कारोनाकाल में दो वर्ष चारधाम यात्रा ठप रहने के बाद बीते वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए उमड़े थे। इस दौरान वीआईपी दर्शनों के चलते अव्यवस्था की शिकायतें मिलने के बाद शासन ने वीआईपी दर्शनों पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद इसके आदेश जारी किए थे।